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Hindi News विदेश एशिया कंगाल पाकिस्तान सबकुछ बेचने को उतारू, सरकारी एयरलाइंस से लेकर पावर प्लांट की करेगा बिक्री, खरीदेंगे भारत के ये दोस्त, देखिए लिस्ट

कंगाल पाकिस्तान सबकुछ बेचने को उतारू, सरकारी एयरलाइंस से लेकर पावर प्लांट की करेगा बिक्री, खरीदेंगे भारत के ये दोस्त, देखिए लिस्ट

Pakistan Privatisation: मीडिया रिपोर्ट्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) और न्यूयॉर्क के रूजवेल्ट होटल दोनों की ही 51 फीसदी हिस्सेदारी कतर को देना का फैसला लिया है।

Pakistan Privatisation- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Pakistan Privatisation

Highlights

  • निजीकरण की राह पर चला पाकिस्तान
  • सरकारी एयरलाइन पीआईए को बेचेगा
  • कर्ज नहीं मिलने के बाद लिया गया फैसला

Pakistan Privatisation: बढ़ती महंगाई, घटते विदेशी मुद्रा भंडार, और तेजी से बढ़ते कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस वक्त बेहद बुरे दौर से गुजर रही है। इस देश पर कर्ज अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इस देश पर कर्ज का भारी भरकम पहाड़ है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) की 51 फीसदी हिस्सेदारी की पेशकश कतर को की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ दोहा की दो दिन की आधिकारिक यात्रा पर हैं। इसके साथ ही न्यूयॉर्क के रूजवेल्ट होटल की हिस्सेदारी देने पर भी सहमति बनती दिख रही है, जिसका नियंत्रण पीआईए के पास है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए गैस समृद्ध देश कतर ने प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में 3 बिलियन डॉलर तक का निवेश करने की योजना बनाई है। पाकिस्तान के बढ़ते सार्वजनिक ऋण के मुख्य कारण लक्ष्य से कम कर एकत्रित करना, मुद्रा में आती तीव्र गिरावट, उच्च ब्याज दर, अधिक खर्च, सरकारी कंपनियों को नुकसान, और ऋण कुप्रबंधन हैं। अब पाकिस्तान सरकार अपने कर्ज के बोझ को कम करने के लिए निजी कंपनियों को कई तरह के ऑफर दे रही है। तो चलिए अब इनके बारे में विस्तार से बात कर लेते हैं। 

पाकिस्तान सरकारी एयरलाइन की अधिकतर हिस्सेदारी कतर को दे रहा

मीडिया रिपोर्ट्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) और न्यूयॉर्क के रूजवेल्ट होटल दोनों की ही 51 फीसदी हिस्सेदारी कतर को देना का फैसला लिया है। सूत्रों ने कहा कि देनदारियों के बाद सरकार को 500 से 600 मिलियन डॉलर मिल सकते हैं। लेकिन जनता इसपर कैसी प्रतिक्रिया देती है, ये देखने वाली बात होगी।

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पाकिस्तान स्टील मील का निजीकरण

पाकिस्तान स्टील मील के निरीक्षण का काम 28 जुलाई को शुरू किया गया था। इससे एक दिन पहले 27 जुलाई को प्राइवेटाइजेशन कमिशन (पीसी) ने घोषणा करते हुए बताया कि पाकिस्तान स्टील मिल्स की बिक्री के लिए पहले से योग्य पार्टियों के साथ बैठकें चल रही हैं। इन कंपनियों ने साइट पर आकर निरीक्षण किया है। यह निजीकरण की राह पर चल रहे देश के लिए एक सबसे बड़ी कंपनी है और 2015 के बाद से राष्ट्रीय खजाने को इससे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

बल्लोकी और हवेली बहादुर शाह पावर प्लांट की बिक्री

पाकिस्तान सरकार ने खाड़ी देश यूएई को 2 बिलियन डॉलर में बल्लोकी और हवेली बहादुरशाह पावर प्लांट की बिक्री करने का फैसला लिया है। क्योंकि उसे इस देश से  वित्तीय सहायता नहीं मिल सकी थी। बल्लोकी और हवेली बहादुर शाह पावर प्लांट की बिक्री के लिए अध्यादेश नेशनल असेंबली के सत्र में पेश किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी के शेयर बिकने के बाद दोनों प्लांट को बनाने की लगात 2 बिलियन डॉलर हो सकती है। हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान सरकार विदेशियों को अपनी केवल वहीं कंपनियां नहीं बेच रही, जिससे उसे घाटा हो रहा है। बल्कि वो उन कंपनियों की भी बिक्री कर रही है, जिससे उसे फायदा हो रहा है। जैसे ओजीडीसीएल।

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पाकिस्तान की कैबिनेट ने सभी प्रक्रियाओं को दरकिनार करने और विदेशों को सरकारी संपत्ति की आपातकालीन बिक्री के लिए नियामक जांच को समाप्त करने के लिए अंतर-सरकारी वाणिज्यिक लेनदेन अध्यादेश, 2022 को भी मंजूरी दे दी है। यह प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को बिना किसी प्रतिबंध के विदेशी संगठनों और सरकारों को सार्वजनिक संपत्ति बेचने में सक्षम बनाएगा।
 
चार साल के उच्चतम स्तर पर विदेशी कर्ज

अभी बीते महीने ही खबर आई थी कि पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज चार साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। उसका करंट अकाउंट डेफिसिट अपने चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में CAD 17.4 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, जो नकदी की कमी से जूझ रहे देश की अर्थव्यवस्था के लिए परेशानी का बड़ा संकेत है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने बुधवार को बताया कि देश ने वित्त वर्ष 2022 में 17.406 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सीएडी दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2021 में केवल 2.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर था। 

डॉन अखबार के अनुसार, भारी सीएडी पेमेंट से संबंधित गंभीर समस्या के बारे में बहुत कुछ बताता है। 17.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज में डूबा पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को कितना सुधार पाएगा ये आने वाला समय निर्धारित करेगा। 

पाकिस्तान के बॉन्ड को कोई कमर्शियल मार्केट स्वीकार करने को तैयार नहीं हो रही है। क्योंकि ऐसा करने में जोखिम ज्यादा है। करंट अकाउंट डेफिसिट वित्त वर्ष 2022 में घाटे के लिए एसबीपी के अनुमान से अधिक हो गया है। वित्त वर्ष 2022 में सीएडी बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का 4.6 प्रतिशत हो गया, जो वित्त वर्ष 2021 में 0.8 प्रतिशत था। नवंबर 2021 में एसबीपी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें उसके द्वारा कहा गया था कि करंट अकाउंट डेफिसिट FY22 के दौरान GDP के 2 फीसदी से 3 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है।

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