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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 5-6 दिसंबर को आ सकते हैं भारत, यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की उम्मीद

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर 2025 में भारत का दौरा करेंगे। क्रेमलिन राष्ट्रपति पुतिन के दौरे की पुष्टि कर चुका है। इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वो तारीख भी सामने आ गई हैं जब पुतिन भारत आएंगे।

Vladimir Putin (R) PM Narendra Modi (L)- India TV Hindi Image Source : AP Vladimir Putin (R) PM Narendra Modi (L)

Vladimir Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता के लिए पांच दिसंबर के आसपास भारत की यात्रा पर आ सकते हैं। इस वार्ता से द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों के और मजबूत होने की उम्मीद है। सूत्रों ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी है। यात्रा की तैयारियां जारी हैं लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि रूस के राष्ट्रपति एक दिन की यात्रा पर आएंगे या भारत में 2 दिन रहेंगे। पुतिन की यात्रा से पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव राष्ट्रपति की यात्रा के विस्तृत विवरण को अंतिम रूप देने के लिए अगले महीने भारत की यात्रा करेंगे। रूस के राष्ट्रपति ने आखिरी बार 2021 में नई दिल्ली की यात्रा की थी। 

रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर होगी चर्चा

सूत्रों ने बताया कि पुतिन की यात्रा से पहले दोनों पक्षों के बीच सैन्य एवं सैन्य-तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) के ढांचे के तहत एक बैठक होने की उम्मीद है। भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और पुतिन द्वारा दोनों देशों के बीच ‘विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ को और विस्तारित करने पर विचार-विमर्श किए जाने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि वार्ता रक्षा एवं सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित हो सकती है।

भारत-रूस के बीच हो चुकी हैं 22 वार्षिक शिखर बैठकें

भारत और रूस के बीच एक व्यवस्था है जिसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति संबंधों की समीक्षा के लिए वार्षिक शिखर बैठक आयोजित करते हैं। अब तक, भारत और रूस में 22 वार्षिक शिखर बैठकें हो चुकी हैं। पिछले साल जुलाई में, प्रधानमंत्री मोदी वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को गए थे। समझा जाता है कि भारत रूस से एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों के अतिरिक्त बैच खरीदने पर भी विचार कर सकता है, क्योंकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान इन हथियारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 

चीन में हुई थी पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात

एक महीने पहले, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत की थी। वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया था। मोदी-पुतिन की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई थी जब कुछ ही दिन पहले अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क (टैरिफ) दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया था, जिसमें रूस से कच्चे तेल की खरीद के लिए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल था। 

यूक्रेन संघर्ष पर भी हो सकती है चर्चा

प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने कहा है कि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग ना केवल दोनों देशों के लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। आगामी शिखर वार्ता के दौरान दोनों नेताओं के यूक्रेन संघर्ष पर भी विचार-विमर्श करने की उम्मीद है। रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए भारत कहता आया है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है। (भाषा)

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