अंकाराः तुर्की के दक्षिण-पश्चिमी तट के निकट एजियन सागर में शुक्रवार को रबर की एक नाव के डूबने से कम से कम 14 प्रवासियों की मौत हो गई। यह नाव 18 माइग्रेंट्स को लेकर तुर्की से ग्रीस की ओर जा रही थी। तुर्की के अधिकारियों ने इस हृदयविदारक घटना की पुष्टि की है, जिसमें दो व्यक्ति चमत्कारिक रूप से बच निकले, जबकि दो अन्य लापता बताए जा रहे हैं। बचाव कार्य तेजी से जारी है, लेकिन सागर की उफनती लहरें चुनौती पेश कर रही हैं।
कैसे हुआ हादसा
मुगला प्रांत के क्षेत्रीय गवर्नर कार्यालय के बयान के मुताबिक यह नाव लोकप्रिय पर्यटक शहर बोडरम से रवाना हुई थी, जहां से माइग्रेंट्स अक्सर अवैध रूप से यूरोप पहुंचने की कोशिश करते हैं। प्रस्थान के कुछ ही मिनटों बाद नाव में पानी भरने लगा, जिससे वह तेजी से डूब गई। जीवित बचे अफगान नागरिक ने बताया कि वह छह घंटे तक समुद्र में तैरता रहा, तब जाकर किनारे पर पहुंचा। दूसरा उत्तरजीवी पास के एक छोटे द्वीप पर मिला, जहां वह थकावट से चूर था। अधिकारियों ने बताया कि नाव पर सवार अधिकांश माइग्रेंट्स अफगानिस्तान, सीरिया और अन्य संघर्षग्रस्त देशों से थे, जो बेहतर जीवन की तलाश में जोखिम भरा समुद्री सफर कर रहे थे।
तुर्की ने शुरू किया बचाव अभियान
इस घटना के बाद तुर्की ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया है। चार तटरक्षक नौकाएं, एक पेशेवर गोताखोर टीम और एक हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। गवर्नर कार्यालय ने चेतावनी जारी की है कि अवैध नाव तस्करी घातक साबित हो रही है, और प्रवासियों को ऐसी यात्राओं से बचने की सलाह दी है। तुर्की के आंतरिक मंत्री ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मानव तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।"एजियन सागर माइग्रेशन का एक प्रमुख गलियारा है, जहां हर साल हजारों लोग तुर्की से ग्रीस के द्वीपों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं।
डैंजरस जोन में हो चुकी हैं इस साल 200 से ज्यादा घटनाएं
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) के अनुसार 2025 में इस क्षेत्र में 200 से अधिक ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 500 से ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं। यूरोपीय संघ की सख्त सीमा नीतियों के कारण माइग्रेंट्स अब छोटी-छोटी रबर नावों पर निर्भर हो गए हैं, जो हवा या लहरों से आसानी से पलट जाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और क्षेत्रीय संघर्षों ने इस संकट को और गहरा दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस त्रासदी पर शोक जताया है। यूएनएचसीआर ने तुर्की और ग्रीस से सहयोग बढ़ाने की अपील की, जबकि यूरोपीय आयोग ने मानवीय सहायता का वादा किया। (एपी)
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