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Hindi News विदेश यूरोप डाक के पैकेट से आ रही थी अजीब सी तीखी गंध, 18 डाक कर्मी अस्पताल में हुए भर्ती

डाक के पैकेट से आ रही थी अजीब सी तीखी गंध, 18 डाक कर्मी अस्पताल में हुए भर्ती

पैकेट से आ रही गंध के बारे में जानकारी करने पर पता चला कि इसमें डूरियन (एक तरह का फल) है जिसके कारण तीखी गंध आ रही है। फल की तीखी गंध के कारण 60 डाक कर्मचारियों को इमारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

18 German postal workers need medical help after someone mailed durian fruit via post - India TV Hindi Image Source : GOOGLE 18 German postal workers need medical help after someone mailed durian fruit via post 

18 जर्मन डाक कर्मचारियों के एक समूह को एक तीखी गंध वाले पैकेट के संपर्क में आने के बाद अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। दरअसल, सीएनएन के मुताबिक दक्षिणपूर्व एशिया के एक डाकखाने में किसी ने डाक द्वारा एक पैकेट किसी को भेजा था। हालांकि, कुछ दिन बाद पैकेट से इतनी तीखी गंध आई कि पूरी इमारत को खाली कराना पड़ा। 

पैकेट से आ रही गंध के बारे में जानकारी करने पर पता चला कि इसमें डूरियन (एक तरह का फल) है जिसके कारण तीखी गंध आ रही है। फल की तीखी गंध के कारण 60 डाक कर्मचारियों को इमारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा जबकि 18 डाक कर्मियों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराना पड़ा। 

पुलिस और दमकलकर्मियों को बुलाया गया

हालांकि, डाक कर्मचारियों ने एक शिपमेंट से आने वाली गंध पर ध्यान देने के बाद पुलिस, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं को बीते शनिवार (20 जून) को बवेरियन शहर के एक डाकघर में बुलाया गया। श्वाइनफर्ट विभाग ने अपने बयान में बताया कि 'अज्ञात सामग्री के कारण शुरू में यह स्पष्ट नहीं था कि इस संदिग्ध पैकेट ने आखिर क्या है, बाद में पैकेज की सावधानीपूर्वक जांच की गई। इसमें चार थाई ड्यूरियन फल मिले थे। वे शहर के एक 50 वर्षीय निवासी के हैं, जिन्होंने नूर्नबर्ग में एक दोस्त से फल घर भेजा था।

श्वाइनफर्ट विभाग ने कहा, कुल 12 डाक कर्मियों को जी मिचलाने की शिकायत थी, जिनका ध्यान रखना पड़ा। पुलिस ने कहा कि 6 अन्य लोगों को एहतियात के तौर पर अस्पताल ले जाया गया। इस घटना में 6 एम्बुलेंस, 5 प्रथम-प्रत्युत्तर कारें और 2 आपातकालीन वाहन शामिल हुए। 3 अलग-अलग अग्निशमन विभाग भी शामिल थे। हालांकि, अंत में फल अपने इच्छित प्राप्तकर्ता को दे दिया गया है। बता दें कि, 2019 में कैनबरा विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को एक संदिग्ध गैस रिसाव के कारण इमारत को खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 

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