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Hindi News विदेश यूरोप मिल गई कोरोना की दवा! जान बचाने में कारगर साबित हो रही है डेक्सामेथासोन

मिल गई कोरोना की दवा! जान बचाने में कारगर साबित हो रही है डेक्सामेथासोन

कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए दुनिया भर में इसकी दवा या वैक्सीन के आने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। कोविड-19 की दवा की खोज में वैज्ञानिकों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है।

Coronavirus breakthrough: dexamethasone is first drug shown to save lives- India TV Hindi Image Source : AP Coronavirus breakthrough: dexamethasone is first drug shown to save lives

लंदन: कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए दुनिया भर में इसकी दवा या वैक्सीन के आने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। कोविड-19 की दवा की खोज में वैज्ञानिकों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। इंग्लैंड के वैज्ञानिकों का दावा है कि ऐसे प्रमाण मिले हैं कि डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) नाम  की दवा के इस्तेमाल से कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं।

एक रिचर्स में कहा गया है कि डेक्सामेथासोन नाम के स्टेराइड से गंभीर मरीजों की मृत्यु दर एकतिहाई तक घट गई है। जल्द ही इस दवा को लेकर एक रिसर्च पेपर भी प्रकाशित किया जाएगा।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी नतीजे में यह कहा गया है कि सस्ते और आसानी से उपलब्ध डेक्सामेथासोन से कोरान संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित लोगों की जान बचती है। इसके साथ ही, कहा गया है कि जो लोग वेंटिलेटर पर थे उसमें इस दवा के इस्तेमाल से मौत की संभावना एक तिहाई तक कम हो गई।

इस दवा पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिक मार्टिन लैंडरे के मुताबिक, रिचर्स बताती है कि अगर कोविड-19 के मरीज में ऑक्सीजन की कमी है और वह वेंटिलेटर पर है, ऐसे मरीज को अगर डेक्सामेथासोन दिया जाता है तो उसके बचने के उम्मीद ज्यादा रहती है और इस पर खर्चा भी बहुत कम आता है।

ब्रिटेन सरकार के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर पेट्रिएक वेल्लांस ने डेक्सामेथासोन नतीजे को ‘ग्राउंड ब्रेकिंग’ करार दिया है तो वहीं इंपीरियल कॉलेज लंदन ने घोषणा की है कि वे इसी हफ्ते से इसका मानव ट्रायल करने जा रहे हैं।

यूनिवर्सिटी ने मार्च में कहा था कि कोविड-19 के विभिन्न मरीजों पर इसके टेस्ट रेंज के लिए रिकवरी ट्रायल शुरु किया गया, जिसमें कम डोज वाले डेक्सामेथासोन भी शामिल है। ब्रिटेन के 175 से ज्यादा अस्पतालों के करीब 11,500 से ज्यादा मरीजों को नामांकित किया गया है।

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