पेरिस: फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका द्वारा जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के बाद उनके देश के निवासी वॉशिंगटन द्वारा प्रस्तावित किसी शांति प्रस्ताव को ‘अब स्वीकार नहीं करेंगे।’ अब्बास ने कहा कि अमेरिका ने साबित कर दिया है कि वह शांति प्रक्रिया में एक ‘बेईमान’ मध्यस्थ है और अब हम अमेरिका की किसी योजना को स्वीकार नहीं करेंगे। अब्बास ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मुलाकात के बाद यह टिप्पणी की।
उन्होंने अमेरिका द्वारा गुरूवार को संयुक्त राष्ट्र में मतदान के पहले विभिन्न देशों पर दबाव डालने के प्रयासों को लेकर भी निशाना साधा। गुरुवार को 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपात सत्र में एक प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य वॉशिंगटन द्वारा जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले को रद्द करना था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 128 वोट जबकि विरोध में 9 पड़े। वहीं इस दौरान 35 देश नदारद रहे। अब्बास ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अन्य इससे सीख ले सकेंगे और समझ सकेंगे कि आप देशों पर दबाव डालकर समाधान थोप नहीं सकते। मैक्रों ने जेरुसलम पर अमेरिकी फैसले की एक बार फिर निंदा की, लेकिन उन्होंने फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता देने से भी इंकार किया।
इस्राइल की बात करें तो उसने जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के अमेरिका के फैसले को रद्द करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'इस्राइल संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को खारिज करता है।' बयान में कहा गया कि जिन देशों ने इस प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया है, वह उनसे खुश हैं। नोटिस के मुताबिक, 'जेरुसलम के मुद्दे पर इस्राइल का पक्ष लेने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप का आभारी है। उन देशों का भी शुक्रिया अदा करता है, जिन्होंने इस्राइल के पक्ष में वोट किया और सच्चाई का साथ दिया।'
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