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इजराइल का साथ छोड़ रहे अमेरिका और ब्रिटेन! फिलिस्तीन को अलग देश की मान्यता देगा Britain

ब्रिटेन के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि उनका देश गाजा में युद्धविराम के बाद फिलिस्तीन को आधिकारिक तौर पर एक देश के रूप में मान्यता दे सकता है।

फिलिस्तीन को अलग देश की मान्यता देगा Britain- India TV Hindi Image Source : FILE फिलिस्तीन को अलग देश की मान्यता देगा Britain

Britain on Palestine : इजराइल और हमास की लगातार जंग के बाद ऐसा लग रहा है कि अब इजराइल के दोस्त अमेरिका और ब्रिटेन उसका साथ छोड़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार इजराइल के साथ शांति समझौते से पहले ब्रिटेन फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता दे सकता है। इससे पहले अमेरिका ने भी एक ऐसा आदेश दिया है, जिससे इजराइल को झटका लगा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गाजा के वेस्ट बैंक में हिंसा फैलाने पर यहूदियों के खिलाफ एक्शन का आदेश दे दिया है। गौरतलब है कि इजराइल पूर्णत: यहूदी राष्ट्र है। अमेरिका ने यहूदियों के खिलाफ एक्शन लेने के पीछे अपना यह तर्क दिया है कि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है। यह तर्क इजराइल की गाजा में फैल रही आक्रामकता के विपरीत है। 

जानकारी के अनुसार ब्रिटेन के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि उनका देश गाजा में युद्धविराम के बाद फिलिस्तीन को आधिकारिक तौर पर एक देश के रूप में मान्यता दे सकता है। राजनयिक ने कहा कि ब्रिटेन इस बात का इंतजार नहीं करेगा कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच द्वि राष्ट्र समाधान की दिशा में कई वर्षों से जारी वार्ता के क्या नतीजे रहते हैं।

लेबनान की यात्रा पर गए ब्रिटिश विदेश मंत्री

विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने क्षेत्रीय तनाव को कम करने की मंशा से बृहस्पतिवार को लेबनान की यात्रा की। इस दौरान मीडिया एजेंसी 'एपी' से चर्चा में बताया कि जब तक गाजा पर हमास का नियंत्रण है तब तक मान्यता देने की दिशा में कोई काम नहीं होगा, लेकिन इजराइल के फिलिस्तीनी नेताओं के साथ बातचीत जारी रहने की सूरत में यह हो सकता है। 

फिलिस्तीन के लोगों को बेहतर भविष्य की दरकार

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री कैमरन ने कहा कि फलस्तीन को देश के तौर पर मान्यता ‘‘प्रक्रिया के शुरू होने पर नहीं दी जा सकती ,लेकिन इसे प्रक्रिया के समाप्त होने तक का भी इंतजार नहीं करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमें यह करने की जरूरत है कि फलस्तीन के लोगों को बेहतर भविष्य दिया जाए।’’ उन्होंने कहा कि यह ‘‘क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति और सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।’’ ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने क्षेत्र के सबसे घातक संघर्ष के समाधान के रूप में इजराइल के पास स्थित एक स्वतंत्र फिलिस्तीन के विचार का समर्थन किया है। इन देशों का कहना है कि फलस्तीन की आजादी बातचीत के जरिए होनी चाहिए। इस संबंध में 2009 के बाद से कोई ठोस बातचीत नहीं हुई है। वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध के बाद स्वतंत्र फिलिस्तीन देश के गठन से सार्वजनिक तौर पर इनकार किया है। 

जहां एक ओर ब्रिटेन फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की बात कर रहा है, वहीं ​दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फिलिस्तिनियों का पक्ष लेते हुए यहूदियों पर एक्शन लेने का बड़ा आदेश दे डाला है। अमेरिका का इसके पीछे तर्क है कि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाना चाहता है। अमेरिका को यह भी अंदेशा है कि इजराइल के हिंसक रवैये का लगातार समर्थन करता रहा, तो अंतरराष्ट्रीय जगत में उसकी 'इमेज' पर विपरीत असर पड़ेगा। यह भी कि आगामी चुनाव को लेकर जो बाइडेन मिडिल ईस्ट को लेकर अपने रुख में 'संतुलन' बनाए रखना चाहते हैं, जिससे कि आम जनता में गलत मैसेज न जाए और विपक्षियों को आरोप लगाने का मौका न मिल जाए।

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