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Hindi News विदेश यूरोप किम जोंग को जवाब देने के लिए जंगी अभ्यास कर रहा दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के साथ दिखाई ताकत

किम जोंग को जवाब देने के लिए जंगी अभ्यास कर रहा दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के साथ दिखाई ताकत

उत्तर कोरिया के ताबड़तोड़ बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों और तोप गोले दागने के जवाब में दक्षिण कोरिया ने भी जंगी अभ्यास शुरू कर दिया है। किम जोंग को ताकत दिखाने के लिए उत्तर कोरिया से लगी सीमा पर दक्षिण कोरिया ने अमेरिका और जापान के साथ मिलकर बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया है।

अमेरिका और जापान के साथ जंगी अभ्यास करता दक्षिण कोरिया। - India TV Hindi Image Source : AP अमेरिका और जापान के साथ जंगी अभ्यास करता दक्षिण कोरिया।
उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन के मिसाइल परीक्षणों और तोप हमलों का जवाब देने के लिए अब दक्षिण कोरिया ने भी तैयारी शुरू कर दी है। अभी पिछले हफ्ते ही उत्तर कोरिया ने समुद्र में बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर दक्षिण कोरिया पर दबाव बनाने का प्रयास किया था। साथ ही समुद्री सीमा में 200 से अधिक गोले बरसाए थे। इसलिए अब उत्तर कोरिया के खिलाफ अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने संयुक्त नौसैन्य अभ्यास किया जिसमें एक अमेरिकी विमान वाहक ने भी भाग लिया।
 
दक्षिण कोरिया की सेना ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह अभ्यास दक्षिण कोरिया के जेजू द्वीप के पास किया गया। हाल में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कहा था कि उनका देश अब दक्षिण कोरिया के साथ सुलह का प्रयास नहीं करेगा और उन्होंने युद्ध में विभाजित देशों के बीच साझा राष्ट्र के विचार को खत्म करने के लिए उत्तर कोरिया के संविधान को फिर से लिखने का आह्वान किया। दोनों कोरियाई देशों द्वारा साझा राष्ट्रीय एकरूपता की भावना पर आधारित एकीकरण के दशकों पुराने प्रयास को खत्म करने का यह ऐतिहासिक कदम क्षेत्र में तनाव बढ़ने के बीच उठाया गया।
 

समुद्र में गरजे युद्धपोत

उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया से संबंध बनाए रखने से जुड़े अहम सरकारी संगठनों को भी समाप्त कर दिया है। दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने कहा कि तीन दिवसीय त्रिपक्षीय नौसैन्य अभ्यास बुधवार को पूरा हुआ जिसमें देशों के नौ युद्धपोत शामिल हुए। ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य उत्तर कोरियाई खतरों के खिलाफ देश की क्षमताओं को बढ़ाना और सामूहिक विनाश कर सकने वाले हथियारों के अवैध समुद्री परिवहन को रोकने के लिए प्रशिक्षण देना है। इसमें यह नहीं बताया गया कि क्या यह प्रशिक्षण उत्तर कोरिया द्वारा रूस को कथित रूप से हथियार भेजे जाने के मद्देनजर किया गया। (एपी)

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