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अमेरिका में हिंसा की आग कई शहरों तक फैली, ट्रंप को व्हाइट हाउस में सुरक्षित बंकर में ले जाया गया

अमेरिका में कोरोना काल में गृह युद्ध जैसे हालात हो गए हैं। एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद भड़की हिंसा की आंच व्हाइट हाउस तक पहुंच चुकी है।

Donald Trump took shelter in White House bunker as protests raged- India TV Hindi Image Source : AP Donald Trump took shelter in White House bunker as protests raged

वाशिंगटन: अमेरिका में कोरोना काल में गृह युद्ध जैसे हालात हो गए हैं। एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद भड़की हिंसा की आंच व्हाइट हाउस तक पहुंच चुकी है। राजधानी वाशिंगटन में मामला इतना बिगड़ गया कि सीक्रेट सर्विस एजेंट्स राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस में बने सुरक्षात्मक बंकर में लेकर चले गए। हालांकि मौके पर पहुंची वाशिंगटन पुलिस ने व्हाइट हाउस के आसपास से उपद्रवियों को खदेड़ दिया।

राष्ट्रपति ट्रंप ने बंकर में लगभग एक घंटा बिताया और उसके बाद उन्हें ऊपर लाया गया। कानून प्रवर्तन सूत्र और इस घटना से संबंधित एक अन्य सूत्र ने बताया कि अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप और उनके बेटे बैरन को भी बंकर में ले जाया गया था।

कानून प्रवर्तन सूत्र ने बताया कि प्रोटोकॉल के अनुसार, अगर अधिकारी राष्ट्रपति ट्रंप को बंकर में ले जाते हैं तो उन्हें अन्य सुरक्षा प्राप्त लोगों को भी वहां ले जाना होता, मतलब मेलानिया और बैरन दोनों लोगों को ले जाना अनिवार्य था। 

वहीं अमेरिका के हर कोने में अशांति और हिंसा की एक और रात के दर्जनों शहर में आगजनी और तोड़फोड़ का नजारा देखने को मिला जहां पुलिस द्वारा अफ्रीकी-अमेरिकियों के साथ वर्षों से हो रहे कथित बुरे बर्ताव के कारण लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। पुलिस ने लोगों पर आंसूगैस के गोले छोड़े तथा रबड़ की गोलियां चलाईं।

मिनीपोलिस में इस सप्ताह तब प्रदर्शन भड़क उठे जब एक वीडियो में पुलिस अधिकारी को तब तक घुटने से फ्लॉयड की गर्दन दबाते हुए देखा गया जब तक उसकी मौत नहीं हो गयी। अश्वेत फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। देश में हिंसा ऐसे समय में हो रही है जब कोरोना वायरस महामारी के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गये हैं और इस देश में एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

हिंसा शनिवार को न्यूयॉर्क से लेकर टुल्सा और लॉस एंजिलिस तक फैल गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की कारों में आग लगा दी और दोनों पक्षों से लोगों के घायल होने की खबरें आती रही। फ्लॉयड की मौत के बाद मिनीपोलिस में शुरू हुए प्रदर्शन ने शहर के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया, इसमें इमारतों को जला दिया गया और दुकानों में लूटपाट की गयी।

फिलाडेल्फिया में शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया जिसमें कम से कम 13 पुलिस अधिकारी घायल हो गए और कम से कम चार पुलिस वाहनों को फूंक दिया गया। न्यूयॉर्क शहर में अधिकारियों ने कई गिरफ्तारियां कीं और लोगों को सड़कों से हटाया। इस दौरान दोनों पक्षों में भयावह टकराव की स्थिति नजर आई। एक वीडियो में एनवाईपीडी के दो क्रूजरों को प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करते हुए देखा जा सकता है। देशभर में 12 से अधिक प्रमुख शहरों में रातभर कर्फ्यू लगाया गया। लोगों को अटलांटा, डेनवर, लॉस एंजिलिस, सिएटल और मिनीपोलिस की सड़कों से दूर रहने के लिए कहा गया।

फ्लोरिडा के टाल्हासी में शनिवार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ में एक पिकअप ट्रक घुस गया जिससे लोगों में भगदड़ मच गई। हालांकि एक बड़ा हादसा टल गया। वीडियो में नजर आ रहा है कि ट्रक यातायात बत्ती पर रूका तो प्रदर्शनकारी उसके आसपास जमा हो गए, कुछ लोग वाहन चालक से बात करने लगे। इसके बाद एक अन्य वीडियो में दिखा कि ट्रक की खिड़की पर एक बोतल मारी गई और ट्रक की गति अचानक से बढ़ गई और हड़बड़ाए लोग एक ओर हो गए। इस घटना में कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है।

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