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मार्क जकरबर्ग को वैज्ञानिकों ने लिखी चिट्ठी, कहा- Facebook पर ट्रंप को काबू में रखें

मार्क जकरबर्ग की ओर से वित्तपोषित शोध को कर रहे कई वैज्ञानिकों ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फेसबुक का इस्तेमाल ‘भ्रामक जानकारी फैलाने और भड़काऊ बयान देने के लिए’ नहीं करने देना चाहिए।

Donald Trump, Donald Trump Facebook, Donald Trump Facebook Scientists- India TV Hindi Image Source : AP FILE पत्र में शोधकर्ताओं ने कहा है कि ट्रंप की गोलीबारी वाली पोस्ट ‘स्पष्ट रूप से हिंसा भड़काने वाला बयान है।’

बोस्टन: मार्क जकरबर्ग की ओर से वित्तपोषित शोध को कर रहे कई वैज्ञानिकों ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फेसबुक का इस्तेमाल ‘भ्रामक जानकारी फैलाने और भड़काऊ बयान देने के लिए’ नहीं करने देना चाहिए। अमेरिका के एक अग्रणी शोध संस्थान के 60 प्रोफेसरों समेत अन्य शोधकर्ताओं ने फेसबुक के CEO को शनिवार को पत्र लिखा था जिसमें मांग की गई थी कि भ्रामक जानकारी और भड़काऊ भाषा के इस्तेमाल पर सख्त नीति अपनाई जानी चाहिए।

जकरबर्ग को लिखे पत्र में प्रोफेसरों ने कहा था कि उन्हें ‘भ्रामक जानकारी तथा भड़काऊ भाषा, जो लोगों को नुकसान पहुंचाती हो, उस पर सख्त नीति के बारे में विचार करना चाहिए,’ खासकर ऐसे वक्त में जब नस्ली अन्याय को लेकर हालात संवेदनशील बने हुए हैं। पत्र में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर डेबोरा मार्क्स ने कहा, ‘शोधकर्ता फेसबुक के कुछ कदमों के विरोध में हैं इसलिए हम उन्हें प्रेरित कर रहे हैं कि वे सच्चाई और इतिहास के सही पक्ष के साथ रहें और यही बात हमने पत्र में लिखी है।’ पत्र पर 160 से अधिक शोधकर्ताओं ने हस्ताक्षर किए हैं।

इसमें जकरबर्ग के उस फैसले पर खासतौर पर आपत्ति जताई गई है जिसमें ट्रंप की एक पोस्ट को फेसबुक कम्युनिटी के मानकों के उल्लंघन के रूप में चिन्हित तक नहीं करने की बात है। उस पोस्ट में ट्रंप ने लिखा था, ‘जब लूट शुरू होती है तो गोलीबारी शुरू होती है।’ उक्त पोस्ट मिनियेपोलिस में प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में की गई थी। पत्र में शोधकर्ताओं ने कहा है कि यह पोस्ट ‘स्पष्ट रूप से हिंसा भड़काने वाला बयान है।’ फेसबुक के विपरीत ट्विटर ने ट्रंप के इस ट्वीट को चिन्हित किया है।

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