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इंजीनियरों ने बना दी दुनिया की अब तक की सबसे काली चीज, जानें क्या है खास

मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (MIT) के इंजीनियरों ने दावा किया है कि उन्होंने दुनिया के अब तक के सबसे काले पदार्थ को बना लिया है।

MIT engineers develop blackest black material to date | Image: R. Capanna, A. Berlato, and A. Pinato- India TV Hindi MIT engineers develop blackest black material to date | Image: R. Capanna, A. Berlato, and A. Pinato/MIT

बोस्टन: मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (MIT) के इंजीनियरों ने दावा किया है कि उन्होंने दुनिया के अब तक के सबसे काले पदार्थ को बना लिया है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा बनाई गई चीज अभी तक ज्ञात किसी भी काले पदार्थ के मुकाबले 10 गुना अधिक काला है। इस पदार्थ को उर्ध्वाधर संरेखित कार्बन नैनोट्यूब या सीएनटी से बनाया गया है। ये कार्बन के ऐसे सूक्ष्म तंतु हैं, जो क्लोरीन की परत वाली एल्यूमीनियम फॉयल की सतह पर गुंथे रहते हैं। 

रोशनी के 99.96 प्रतिशत हिस्से सोख लेता है
शोध पत्रिका ‘ACS-अप्लाइड मटेरियल्स एंड इंटरफेसेज’ में प्रकाशित लेख के मुताबिक फॉयल वहां आने वाली किसी भी रोशनी के 99.96 प्रतिशत हिस्से को अपनी ओर खींच लेती है, जिससे चलते ये अब तक ज्ञान सबसे काला पदार्थ बन जाता है। अमेरिका स्थित MIT के प्राध्यापक ब्रायन वार्डल ने बताया कि CNT पदार्थ का व्यावहारिक इस्तेमाल हो सकता है, उदाहरण के लिए गैरजरूरी रोशनी को कम करने वाले ऑप्टिकल ब्लाइंडर में या अंतरिक्ष दूरबीनों की मदद करने में। 

हल्की-सी कोटिंग में छिप गया हीरा
वार्डल ने बताया, ‘अब तक ज्ञात किसी भी पदार्थ के मुकाबले हमारा पदार्थ 10 गुना अधिक काला है, लेकिन मुझे लगता है कि सबसे काले पदार्थ की खोज एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।’ यह काला रंग कितना गहरा है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसकी एक हल्की-सी कोटिंग ने चमकदार हीरे को भी छिपा दिया। ऊपर तस्वीर में आप देख सकते हैं कि हीरा अंधेरे में खो-सा गया है।

होगी खोज, आखिर इतना काला क्यों?
इंजीनियरों का मानना है कि कार्बन नैनोट्यूब का जाल आने वाले प्रकाश के ज्यादातर हिस्से को बांध कर उष्मा में बदल सकता है और प्रकाश का बहुत थोड़ा सा हिस्सा ही वापस प्रकाश के रूप में जा पाता है। वार्डल ने कहा कि विभिन्न तरह के सीएनटी जाल को अत्यधिक कालेपन के लिए जाना जाता है, लेकिन अभी भी इस बात को लेकर यांत्रिक समझ की कमी है कि आखिर ये पदार्थ सबसे काला क्यों हैं। इस बारे में आगे और अध्ययन की जरूरत है।

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