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यरुशलम घोषणा के बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मनाया हनुक्का पर्व

यरूशलम को इस्राइल की राजधानी घोषित करने के एक दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज व्हाइट हाउस में यहूदी पर्व हनुक्का मनाया।

Trump celebrated the Hanukkah festival in the White House...- India TV Hindi Trump celebrated the Hanukkah festival in the White House after the announcement of Jerusalem

वाशिंगटन: यरूशलम को इस्राइल की राजधानी घोषित करने के एक दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज व्हाइट हाउस में यहूदी पर्व हनुक्का मनाया। ट्रंप ने व्हाइट हाउस ईस्ट रूम में कहा कि इस्राइल में और यरूशलम को लेकर में जो हो रहा है, मैं उसके बारे में सोच रहा हूं और मैं इसे बहुत पसंद कर रहा हूं। (नेपाल में महसूस किया गया 5.2 तीव्रता का भूकंप )

राष्ट्रपति के साथ इस दौरान उनकी बेटी इवांका भी मौजूद थीं जिन्होंने पति जैरड कुशनर से शादी करने के बाद यहूदी धर्म अपना लिया है। राष्ट्रपति ने यरूशलम संबंधी घोषणा के बाद अमेरिका की दशकों पुरानी नीति बदल दी।इस नीति से ज्यादातर अन्य देश नाखुश हैं। यूरोपीय संघ, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, पोप और अरब के प्रमुख सहयोगियों ने इस कदम की निंदा की है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यरूशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से ‘‘बहुत चिंतित’’ हैं। क्रेमलिन ने आज यह बयान जारी किया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब आर्दोआन के साथ फोन पर हुई बातचीत में पुतिन ने फलस्तीन और इस्राइल के लोगों से धीरज रखने और वार्ता फिर से शुरू करने को कहा।

वहीं दूसरी ओर, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यरुशलम को यहूदी देश की राजधानी के तौर पर मान्यता देने को आज ‘‘ऐतिहासिक’’ और ‘‘साहसी तथा उचित फैसला’’ बताया तथा उन्होंने कहा कि इससे शांति कायम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यहूदी देश पवित्र स्थलों पर यथास्थिति को बरकरार रखते हुए यहूदियों, ईसाईयों और मुस्लिमों के लिए प्रार्थना करने की आजादी को सुनिश्चित करेगा। नेतन्याहू ने एक बयान में कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक दिन है। यह करीब 70 वर्षों से इस्राइल की राजधानी रहा है। यरुशलम तीन सदियों से हमारी उम्मीदों, हमारे सपनों, हमारी दुआओं के केंद्र में रहा है। यह 3,000 वर्षों से यहूदी लोगों की राजधानी रही है। यहां हमारे पवित्र स्थल हैं, हमारे राजाओं ने शासन किया और हमारे पैंगबरों ने उपदेश दिए।’’

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