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कोविड-19 के बाद चीन के प्रति अमेरिका का रवैया 'काफी बदला': डोनाल्ड ट्रंप

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में कोरोना वायरस का प्रकोप होने के बाद उनके देश का रवैया चीन के प्रति “काफी बदला “ है। ट्रंप ने साथ में यह भी दोहराया कि चीन को वुहान में ही इस जानलेना संक्रमण को रोक लेना चाहिए था।

Trump says America’s attitude towards China ‘changed greatly’ since COVID-19 hit US- India TV Hindi Image Source : AP Trump says America’s attitude towards China ‘changed greatly’ since COVID-19 hit US

वाशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में कोरोना वायरस का प्रकोप होने के बाद उनके देश का रवैया चीन के प्रति “काफी बदला “ है। ट्रंप ने साथ में यह भी दोहराया कि चीन को वुहान में ही इस जानलेना संक्रमण को रोक लेना चाहिए था। ट्रंप ने कोविड-19 प्रकोप से निपटने को लेकर चीनी सरकार को पहले भी आड़े हाथ लिया है। 

उन्होंने व्हाइट हाउस में मंगलवार को पत्रकारों से कहा, “ चीनी वायरस से हमारे प्रभावित होने के बाद से, मेरे ख्याल से हमारा रवैया चीन को लेकर काफी बदला है। उन्हें इसे रोकने में सक्षम होना चाहिए था। इसलिए हम अलग महसूस करते हैं।“ पिछले महीने ट्रंप ने कहा था कि चीन को उसकी "गोपनीयता, कपट और छुपाने" के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इसी वजह से दुनिया भर में जानलेवा विषाणु फैला। हालांकि चीन ने आरोपों से इनकार किया है। 

जॉन हॉपकिन्स कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर के मुताबिक, दुनिया भर में 1.80 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं और सात लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका इस महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित है। देश में 47 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों का आंकड़ा भी 1,56,000 से ज्यादा है। 

कोरोना वायरस की उत्पत्ति पिछले साल दिसंबर में चीनी शहर वुहान में हुई थी। इसने दुनिया की अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में गंभीर मंदी आने के संकेत हैं। ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि 70 फीसदी क्षेत्रों में मामले घट रहे हैं। ये पिछले सोमवार को 36 प्रतिशत थे। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि मृत्यु दर में भी कमी आई है। इससे पहले दिन में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केयली मैकइनेनी ने कहा कि राष्ट्रपति देश के लाखों लोगों के निजी डेटा की सुरक्षा के लिए टिकटॉक पर ध्यान केंद्रित किये हुए हैं। 

उन्होंने कहा कि चीन के कानून के मुताबिक चीनी कंपनियों के लिए यह जरूरी है कि वे वहां की सुरक्षा और खुफियां सेवाओं के साथ सहयोग करें जिससे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीसीपी) तक विदेशी डेटा की पहुंच हो जाती है। मैकइनेनी ने कहा कि ये कंपनियां अंतत: सीसीपी के प्रति जवाबदेह हैं जो अमेरिकी हितों को नजरंदाज करती है और अमेरिकी मूल्यों तथा व्यक्तियों के अधिकारों के विरूद्ध है। राष्ट्रपति इस पर दृढ़ता से चीन के खिलाफ रूख अख्तियार करेंगे। 

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