ट्रंप किसी देश पर टैरिफ लगा सकते हैं या नहीं?...अब अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट करेगा आखिरी फैसला
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विभिन्न देशों पर लगाया गया टैरिफ वैध या अवैध...इस पर अब सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा। इसलिए पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हैं।

वॉशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के फैसले को अमेरिका की संघीय अदालत खारिज कर चुकी है। कोर्ट ने साफ कह दिया है कि राष्ट्रपति को यह अधिकार नहीं है। अब इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को टैरिफ से जुड़े इस अहम मामले में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। ट्रंप प्रशासन चाहता है कि सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट करे कि राष्ट्रपति को संघीय कानून के तहत व्यापक आयात शुल्क लगाने का अधिकार है या नहीं?
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दुनिया की नजर
अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट अब ये तय करेगा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विभिन्न देशों पर लगाया गया टैरिफ वैध या अवैध?...इसलिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दुनिया की निगाहें टिकी हैं। ट्रंप की ओर से की गई यह अपील यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट के उस फैसले को चुनौती देती है जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए गए अधिकांश टैरिफ अवैध हैं, क्योंकि वे आपातकालीन शक्तियों के कानून (IEEPA - 1977) का अनुचित प्रयोग थे।
ट्रंप ने की त्वरित निर्णय की अपील
अपीलीय अदालत ने फिलहाल टैरिफ को बरकरार रखा है, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने फिर भी सुप्रीम कोर्ट से त्वरित निर्णय की अपील की है। यह याचिका बुधवार देर रात इलेक्ट्रॉनिक रूप से दायर की गई और बृहस्पतिवार को यानि आज ही औपचारिक रूप से डॉकेट में शामिल होने की उम्मीद है। यानि सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले की सुनवाई कर सकता है।
"यह मामला अत्यधिक महत्वपूर्ण है": सॉलिसिटर जनरल
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले को स्वीकार करे और सुनवाई करे। उन्होंने लिखा,
"इस फैसले ने राष्ट्रपति द्वारा पिछले पांच महीनों में टैरिफ के माध्यम से किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर अनिश्चितता की छाया डाल दी है, जो मौजूदा वार्ताओं और पूर्व सहमत फ्रेमवर्क समझौतों दोनों को खतरे में डालता है।
गैरकानूनी टैरिफ से हो रहा नुकसान
लिबर्टी जस्टिस सेंटर के वरिष्ठ वकील जेफरी श्वाब ने कहा कि यह मामला केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे व्यवसायों की आजीविका पर भी असर डाल रहा है। उन्होंने कहा,"ये गैरकानूनी टैरिफ छोटे व्यवसायों को गंभीर नुकसान पहुँचा रहे हैं। हम अपने ग्राहकों के लिए इस मामले का शीघ्र समाधान चाहते हैं।