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मैक्सिको में शक्तिशाली भूकंप, दहशत में आए लोग

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 6.3 थी।

मैक्सिको में शक्तिशाली भूकंप, दहशत में आए लोग- India TV Hindi Image Source : FILE मैक्सिको में शक्तिशाली भूकंप, दहशत में आए लोग

भारत के पहाड़ी इलाकों में भूकंप के लगातार झटकों के बीच अमेरिकी महाद्वीप के देश मध्य मेक्सिको के तट पर आज देर रात लगभग 02 बजे शक्तिशाली भूकंप आया।  राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 6.3 थी। मैक्सिको में मई के महीने में भी दो बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। एक तो कैरेबियाई समुद्र में आया था, तब तीव्रता 6.6 आंकी गई थी। हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ था। इससे पहले 16 मई को भी भूकंप आया था। यह भूकंप मैक्सिको के कई इलाकों में महसूस किया गया था। तब भूकंप की तीव्र्ता 6.4 आंकी गई थी। भूकंप का एपिसेंटर कैनिला, ग्वाटेमाला की नगर पालिका से 2 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में था।

प्लेट्स के टकराने से आता है भूकंप

यह धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

भूकंप का केंद्र और तीव्रता

भूकंप का केंद्र वह जगह होती है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा महसूस होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती है, इसका प्रभाव कम होता जाता है। इसकी तीव्रता का मापक रिक्टर स्केल होता है। रिक्‍टर स्‍केल पर यदि 7 या इससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर की तरफ होती है तो प्रभाव क्षेत्र कम होता है। भूकंप की जितनी गहराई में आता है, सतह पर उसकी तीव्रता भी उतनी ही कम महसूस की जाती है।

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