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अमेरिका ने कहा, रूस से दूरी बनाने के दौरान भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं

अमेरिका ने भारत और रूस के रिश्तों पर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। अमेरिका ने कहा है कि भारत द्वारा रूस से दूरी बनाने के दौरान वह साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।

United States News, United States India, United States Russia India, United States India Relations- India TV Hindi Image Source : AP FILE अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस।

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार से भारत के रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं रहे हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई मुद्दों पर अलगाव दिखा है। हालांकि ऐसा नहीं है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते पटरी से उतर गए हैं, लेकिन कुछ मुद्दों पर दोनों में गंभीर मतभेद देखने को मिले हैं। इन खट्टे-मीठे अनुभवों के बीच अब अमेरिकी सरकार का कहना है कि वह रूस से दूरी बनाने के दौरान भारत के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है।

नेड प्राइस ने मौजूदा हालात पर दिए बयान
व्हाइट हाउस के मुताबिक, ऐसे कई देश हैं जिन्हें यह कड़वी हकीकत पता चल गई है कि ऊर्जा या सुरक्षा के मामले में रूस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को कहा कि जब रूस के साथ भारत के रिश्तों की बात आती है तो अमेरिका ने लगातार यह साफ किया है कि यह एक ऐसा रिश्ता है जो कई दशकों में विकसित और मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह शीत युद्ध के दौरान बना और मजूबत हुआ जब अमेरिका, भारत के लिए आर्थिक, सुरक्षा व सैन्य भागीदार बनने की स्थिति में नहीं था।

‘साझेदारी को गहरा करने की कोशिश की है’
प्राइस ने कहा, ‘पिछले 25 सालों में हालात काफी बदले हैं। यह एक द्विपक्षीय विरासत है जिसे इस देश ने पिछले 25 साल में हासिल किया है। राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के प्रशासन ने सबसे पहले इसकी शुरुआत की थी। अमेरिका ने आर्थिक, सुरक्षा और सैन्य सहयोग समेत हर क्षेत्र में भारत के साथ अपनी साझेदारी को गहरा करने की कोशिश की है। यह एक ऐसा बदलाव है जिस पर हम हमेशा से स्पष्ट रहे हैं और ऐसा कुछ महीनों या सालों में करना नामुमकिन है। भारत एक बड़ा देश है, एक बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसकी कई जरूरते हैं।’

‘भारत में उर्जा की काफी ज्यादा मांग’
प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनका देश बदलावों के साथ भारत के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है और यह बात आने वाली सरकारों पर भी लागू होती है। भारत के रूस से तेल खरीदने के मसले पर उन्होंने कहा कि अमेरिका ने तेल और गैस, ऊर्जा क्षेत्र को लेकर रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में छूट सोच-समझकर दी है। उन्होंने कहा, ‘भारत में ऊर्जा की काफी ज्यादा मांग है और वह रूस से तेल और ऊर्जा के अन्य स्रोत हासिल करता है। ऐसे में कुछ भी ऐसा नहीं है जो लगाए गए प्रतिबंधों के विरुद्ध हो।’

‘रूस पर भरोसा नहीं किया जा सकता’
प्राइस ने कहा कि अमेरिका पहले भी साफ कर चुका है कि अब रूस के साथ हमेशा की तरह व्यापार करने का समय नहीं है और यह दुनिया के देशों के ऊपर है कि वे रूस के साथ आर्थिक संबंधों को कैसे कम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसे कई देश हैं जो इस कड़वी सच्चाई को जान गए हैं कि रूस ऊर्जा के क्षेत्र में विश्वसनीय स्रोत नहीं है। रूस सुरक्षा संबंधी क्षेत्र में विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता नहीं है। रूस पर किसी भी क्षेत्र में भरोसा नहीं किया जा सकता।’

पाकिस्तान को अमेरिका ने दिया था फंड
बता दें कि कुछ ही दिन पहले तक अमेरिका ने भारत के हितों के विरुद्ध पाकिस्तान को F-16 विमानों के रखरखाव के नाम पर फंडिंग की थी। इसके अलावा FATA की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान को बाहर करवाने में भी अमेरिका का ही हाथ माना जाता है। वहीं, भारत ने अमेरिका के किसी भी परोक्ष या प्रत्यक्ष दबाव के आगे नहीं झुका और अपनी स्वतंत्र नीति पर ही चला। ऐसे में व्हाइट हाउस का यह ताजा बयान अमेरिका के बदले सुरों की तरफ इशारा करता है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि अमेरिका अभी भी भारत को परेशान करने के मौके नहीं छोड़ेगा और ताजा बयान सिर्फ रिश्तों को पटरी पर रखने के लिए दिया गया है।

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