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अमेरिकी शेयर बाजार में छींक आ चुकी है, अब इंडियन स्टॉक एक्सचेंज को आएगा बुखार? होने वाला है बड़ा उलटफेर

Stock Market News: यह हफ्ता अमेरिका के साथ भारतीय शेयर बाजार के लिए भी ठीक नहीं दिख रहा है। अमेरिका में एक के बाद एक बैंक दिवालिया घोषित हो रहे हैं। आज क्रेडिट सुईस को लेकर भी बड़ी खबर आई है, जिसमें उसे तगड़ा नुकसान हुआ है। इसका असर कल भारतीय शेयर बाजार पर देखा जा सकता है। आइए मामला समझते हैं।

Vikash Tiwary Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: March 15, 2023 22:35 IST
Share Market Sensex- India TV Paisa
Photo:INDIA TV अब इंडियन स्टॉक एक्सचेंज को आएगा बुखार? पढ़ें रिपोर्ट

वित्तीय बाजार में एक कहावत याद की जाती है, जब अमेरिका के बाजार में कोई बड़ा उलटफेर होता है या होने की संभावना होती है। कहावत है कि अमेरिका को छींक आती है तो भारत को बुखार चढ़ जाता है। आज की स्थिति में इस कहावत को याद करना पूर्ण रूप से तो सही नहीं है, लेकिन स्थिति उसके आस-पास जरुर है। इस समय भारतीय शेयर बाजार लगातार नुकसान में है। गिरावट की स्पीड ने पिछले 5 महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। निफ्टी 17 हजार से नीचे और सेंसेक्स 57 हजार के करीब चला गया है। अमेरिकी शेयर बाजार में नुकसान का कारोबार शुरू हो गया है। गिरावट इतनी तेजी से हो रही है कि बड़े से बड़ा बैंक डूबने के कगार पर आ गया है। हाल ही में सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के बर्बाद होने के बाद अब दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक क्रेडिट सुइस के शेयर की कीमत में जबरदस्त गिरावट आई है। यह स्विट्जरलैंड स्थित वैश्विक निवेश बैंक और वित्तीय सेवा फर्म है। अगर यह बैंक दिवालिया होता है तो पूरी दुनिया 2008 जैसी मंदी की चपेट में आ सकती है। भारत में भी असर देखने को मिलेंगे।

क्रेडिट सुइस की हालत खराब

बुधवार को क्रेडिट सुइस सहित कुछ यूरोपीय बैंकों के शेयर में इतनी तेजी से गिरावट शुरू हुई कि उसमें कारोबार रोक दिया गया ताकि कंपनी के शेयरों में रिकॉर्ड गिरावट को रोका जा सके। क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी के शेयरों में बुधवार को 24 प्रतिशत की गिरावट आई, जो ऋणदाता के सबसे बड़े शेयरधारक सऊदी नेशनल बैंक के रिकॉर्ड पर सबसे बड़ी एक दिवसीय बिकवाली है। इस साल जनवरी में जब फिनटेक प्लेटफॉर्म PhonePe ने भारत में पुनर्वितरण किया, तो इसके निवेशकों को 8,000 करोड़ रुपये चुकाने पड़े, लेकिन फैसला बहुत जरूरी था। उस समय के आसपास, PhonePe के सह-संस्थापक और सीईओ समीर निगम ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि भारत वापस जाना एक सही निर्णय था, क्योंकि कंपनी ने सबसे पहले यहीं से शुरुआत की थी और इस पर ध्यान केंद्रित किया था। मुझे लगता है कि मिशन के लिए PhonePe चालू है जो बड़े पैमाने पर वित्तीय समावेशन और डिजिटलीकरण के लिए हल कर रहा है। कंपनी का यह निर्णय आज के परिपेक्ष्य में देखा तो सही दिख रहा है। 

ये हैं कारण

बता दें कि अब अमेरिका स्थित सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के पतन के कारण वैश्विक स्तर पर निवेशकों पर भारी बैंकिंग संकट के साथ, भारतीय निवेशक इकोसिस्टम को लगता है कि यह अधिक स्टार्ट-अप के लिए भारत को अपने अधिवास स्थान के रूप में चुनने का समय है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि एक अनुमान के अनुसार, 60 से अधिक Y कॉम्बिनेटर-समर्थित भारतीय स्टार्ट-अप्स ने SVB के खातों में 250,000 डॉलर से अधिक का पैसा लगाया था। 250,000 डॉलर वह सीमा मूल्य है जो किसी बैंक के दिवालिया होने की स्थिति में अमेरिका के फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) द्वारा जमाकर्ताओं के लिए बीमा किया जाता है। अमेरिका और चीन के बाद भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। भारत में इस समय लगभग 92,000 स्टार्ट-अप और 114 यूनिकॉर्न हैं। इसमें से कई शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। 2021 के तुलना में इन स्टार्टअप्स की फंडिंग में भी 2022 में कमी देखी गई है। इसका असर छंटनी के रूप में भी देखने को मिला है। अब अमेरिका के इकोसिस्टम में इतना बड़ा उलटफेर एक बड़ा संकेत दे रहा है। अब आईएमएफ की भविष्यवाणी सच होती दिख रही है। दुनिया के दरवाजे पर एक बड़ी मंदी दस्तक देने जा रही है। 

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