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Hindi News बिहार Bihar Assembly Elections: इस बीजेपी विधायक ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया, सोशल मीडिया पर दी जानकारी

Bihar Assembly Elections: इस बीजेपी विधायक ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया, सोशल मीडिया पर दी जानकारी

माना जा रहा है कि इस बार अरुण कुमार का टिकट कटने की सम्भावना पहले से जताई जा रही थी। इसलिए उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया और उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने से पहले ही मैदान से हटना उचित समझा।

Arun kumar Sinha- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK/X@BJP पीएम मोदी का अभिवादन करते अरुण कुमार सिन्हा (फाइल फोटो)

पटना:  बीजेपी की ओर से अभी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं हुई है, इस बीच पटना की कुम्हरार सीट से बीजेपी विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि इस बार अरुण कुमार का टिकट कटने की सम्भावना पहले से जताई जा रही थी। इसलिए उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया और उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने से पहले ही मैदान से हटना उचित समझा। अरुण कुमार सिन्हा ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर चुनाव नहीं लड़ने की दी जानकारी।

अरुण कुमार सिन्हा ने फेसबुक पर लिखा-'आगामी विधानसभा चुनाव में मैं प्रत्याशी के रूप में चुनाव नहीं लडूंगा, लेकिन संगठन के लिए कार्य करता रहूंगा । पिछले 25 वर्षों में आप सभी ने जो  विश्वास एवं सहयोग दिया उसका सदा आभारी रहूंगा। कार्यकर्ता सर्वोपरि, संगठन सर्वोपरि

एनडीए में सीटों का हुआ बंटवारा

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए ने रविवार को सीट का बंटवारा अंतिम रूप से तय कर लिया। इस बंटवारे के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेगी। बाकी की सीटों छोटे सहयोगी दलों के हिस्से में गई हैं। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीट मिली हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) कम से कम 15 सीट की मांग कर रही थी और उसे छह सीट दी गई हैं। राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को भी छह सीट मिली हैं। यह पहला मौका है जब 2005 में राजद शासन के 15 वर्ष समाप्त कर सत्ता में आई जदयू और भाजपा के बराबर सीट पर चुनाव लड़ेगी। 

इस संबंध में औपचारिक घोषणा जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और सांसद उपेन्द्र कुशवाहा ने ‘एक्स’ के जरिए की। पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीट मिली हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) कम से कम 15 सीट की मांग कर रही थी और उसे छह सीट दी गई हैं। राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को भी छह सीट मिली हैं। यह पहला मौका है जब 2005 में राजद शासन के 15 वर्ष समाप्त कर सत्ता में आई जदयू और भाजपा के बराबर सीट पर चुनाव लड़ेगी। यह माना जा रहा है कि गठबंधन के भीतर भाजपा का राजनीतिक प्रभाव बढ़ा है और क्षेत्रीय सहयोगी जदयू का वर्चस्व कुछ कम हुआ है। 

भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “एनडीए के सभी घटक दलों ने आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण माहौल में सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी की है। सभी दलों के नेता और कार्यकर्ता इसका स्वागत करते हैं। बिहार एक बार फिर राजग सरकार के लिए तैयार है।” पासवान, कुशवाहा और झा ने भी सीट बंटवारे को “सहमति से लिया गया निर्णय” बताया। मांझी, जो सूत्रों के मुताबिक शुरू में इस फॉर्मूले से असंतुष्ट थे, ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं पटना लौट रहा हूं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अंतिम सांस तक रहूंगा।” बाद में यहां संवाददाताओं से उन्होंने कहा, “हमें छह सीट मिली हैं। यह शीर्ष नेतृत्व का फैसला है और हम इसे स्वीकार करते हैं। हमें कोई शिकायत नहीं है। जब लोकसभा चुनाव 2024 में हमें एक सीट दी गई थी, तब भी हमने कोई असहमति नहीं जताई थी।”