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Hindi News बिहार Bihar News: बगहा में आदमखोर बाघ का आतंक, मां और बेटे की ली जान, अब तक 9 लोगों को उतार चुका है मौत के घाट

Bihar News: बगहा में आदमखोर बाघ का आतंक, मां और बेटे की ली जान, अब तक 9 लोगों को उतार चुका है मौत के घाट

Bihar News: मामला बगहा के गोवर्द्धना थाना के बलुआ गांव में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का है। मृतकों की पहचान बलुआ गांव के बहादुर यादव की पत्नी सिमरिकी देवी और उसके सात साल के बेटे शिवम कुमार के रूप में हुई है।

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Highlights

  • बगहा में आदमखोर बाघ का आतंक
  • आज मां और बेटे की ली जान
  • अब तक 9 लोगों को उतार चुका है मौत के घाट

Bihar News: बिहार के बगहा में एक आदमखोर बाघ ने आज फिर 2 लोगों को अपना शिकार बनाया है। इस बाघ ने एक मां और बेटे की जान ली है। मामला बगहा के गोवर्द्धना थाना के बलुआ गांव में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का है। मृतकों की पहचान बलुआ गांव के बहादुर यादव की पत्नी सिमरिकी देवी और उसके सात साल के बेटे शिवम कुमार के रूप में हुई है। इस घटना के बाद से गांव के लोग गन्ने के खेत में बाघ की तलाश कर रहे हैं। बाघ ने अब तक 9 लोगों को मार डाला है। पिछले 48 घंटे में बाघ ने 4 लोगों को अपना शिकार बनाया है।

बाघ की वजह से खेतों में जाने से डर रहे ग्रामीण

बता दें कि बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा के लोग एक बाघ के कारण दहशत में हैं। करीब एक दर्जन गांव के लोग पहले से ही दहशत के कारण खेतों में नहीं जा रहे थे। इस बीच, बुधवार की रात सिंगाही गांव में घर में सोई 12 वर्षीय बच्ची को भी बाघ ने मार डाला था। इस घटना के बाद अब लोग घर में रहने से भी डर रहे हैं। 

हालांकि पिछले 26 दिनों से वन विभाग की टीम बाघ को खोजने में जुटी है। वन विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि गोवधार्ना क्षेत्र के सिंगाही गांव में बुधवार की रात अचानक बाघ ने दस्तक दे दी और रामाकांत मांझी की पुत्री बगड़ी अपने घर में सोयी हुई थी। इसी बीच, शिकार की खोज में भटकता हुआ बाघ उसके करीब पहुंच गया। बाघ ने बगड़ी कुमारी के ऊपर हमला कर दिया और उसे खींच कर ले जाने लगा।

लड़की ने चिल्लाना शुरू किया, तो शव छोड़कर भागा बाघ

लड़की ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया तो लोग दौड़कर वहां पहुंचे तो बाघ एक गन्ने के खेत में बच्ची के शव को छोड़कर भाग गया। वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक नेशामणि ने गुरुवार को बताया कि बच्ची का शव बरामद कर लिया गया है तथा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। ग्रामीणों के मुताबिक, बाघ पहले खेतों में काम करने वालों को निशाना बनाता था, लेकिन पहली बार वह घर पर हमला किया है।

हर दो से तीन घंटे में जगह बदलता है चालाक बाघ

जानकारों ने बताया कि आदमखोर बाघ बहुत चालाक और फुतीर्ला होता है। यह हर दो से तीन घंटे में स्थान बदलता है। हमने हरिहरपुर गांव में जाल बिछाया है। जब बकरी पिंजरे के अंदर थी, तो वह नहीं आया। जैसे ही हमने उसे पिंजरे के बाहर बांध दिया, वह आया और उस पर हमला किया और उसे मार डाला।

लगातार मूवमेंट बदलने से हो रही परेशानी

बाघ बुधवार सुबह चिहुताहा वन क्षेत्र या वीटीआर में स्थित था और गुरुवार सुबह नेपाल सीमा पर स्थित राघिया वन क्षेत्र में मसान नदी पार कर पहुंचा। बाघ का मूवमेंट लगातार बदलने से थोड़ी परेशानी हो रही है।