A
Hindi News बिहार Exclusive: कैसे गई IAS कृष्णैया की जान? उस दिन DM की कार चला रहे ड्राइवर ने बताई एक-एक बात

Exclusive: कैसे गई IAS कृष्णैया की जान? उस दिन DM की कार चला रहे ड्राइवर ने बताई एक-एक बात

दीपक ने इंडिया टीवी को घटना के बारे में बताते हुए कहा, हम लोग गोपालगंज से मुजफ्फरपुर होते हुए हाजीपुर मीटिंग के लिए गए थे।

How did IAS Krishnaiah die, DM Krishnaiah Anand Mohan, DM Krishnaiah Driver Interview- India TV Hindi Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी ने कृष्णैया के ड्राइवर रहे दीपक से एक्सक्लूसिव बातचीत की।

पटना: IAS कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की जेल से रिहाई इन दिनों सूबे की सियासी चर्चाओं के केंद्र में है। तेलंगाना में जन्मे IAS अधिकारी कृष्णैया दलित समुदाय से थे। वह बिहार में गोपालगंज के डीएम थे और 1994 में जब मुजफ्फरपुर जिले से गुजर रहे थे तभी दुर्दांत गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शवयात्रा में शामिल भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी। इंडिया टीवी ने उस दिन डीएम कृष्णैया की गाड़ी चला रहे ड्राइवर दीपक से बातचीत कर पूरी घटना को समझने की कोशिश की।

‘मैंने भीड़ में से गाड़ी निकाल ली थी, लेकिन...’
दीपक ने इंडिया टीवी को घटना के बारे में बताते हुए कहा, 'हम लोग गोपालगंज से मुजफ्फरपुर होते हुए हाजीपुर मीटिंग के लिए गए थे। मीटिंग के बाद हम मुजफ्फरपुर के रास्ते लौट रहे थे। उस समय जुलूस जा रहा था, और हम साइड से निकल रहे थे। इस बीच जुलूस में चल रहे लोगों ने गाड़ी को घेर लिया और बॉडीगार्ड को बाहर खींच लिया। इसके बाद उन्होंने गाड़ी पर हाथ चलाना शुरू कर दिया। मैंने इसके बाद भीड़ में से गाड़ी निकाल ली, लेकिन साहब ने बॉडीगार्ड के लिए मुझसे गाड़ी रोकने के लिए कहा, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। इस बीच लोगों ने फिर गाड़ी को घेर लिया।'

‘साहब भी वहां से भागे, हम भी भाग गए’
दीपक ने कहा कि पहले साहब वहां से भाग गए थे, लेकिन बाद में क्या हुआ नहीं पता। उसने कहा, 'हमको इसके बाद स्टीयरिंग पर ही दबा दिया, और साहब को गाड़ी में से खींच लिया। हम लोगों को मारना शुरू किया। साहब भी वहां से भागे और हम भी भाग गए। इसके बाद क्या हुआ हमको नहीं पता। जब हम वापस आए तो देखा कि वह घायल पड़े हुए थे। गाड़ी में सवार हम तीनों लोग तीन अलग-अलग जगह हो गए थे।' ड्राइवर से जब पूछा गया कि वहां आनंद मोहन नजर आए थे, तो उसने कहा कि हम उस समय किसी को पहचान नहीं पाए।