बिहार की राजधानी पटना में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति साफ कर दी है। उन्होंने कहा है कि वे प्रदर्शनकारी मुस्लिम संगठनों से कोई अपील नहीं करेंगे, क्योंकि यह उनका अपना कार्यक्रम है।
PK ने प्रदर्शनकारियों से बनाई दूरी
प्रशांत किशोर ने सीवान में मीडिया से बात करते हुए कहा, "हम उनसे कोई अपील नहीं करेंगे। यह उनका अपना कार्यक्रम है। मुसलमान संगठन कुछ बैठक कर रहे हैं... वक्फ पर हमने अपना पक्ष रख दिया है। उसमें कुछ नई बात करने की नहीं है।"
पीके ने बताया पार्टी का स्टैंड
उन्होंने आगे कहा कि जन सुराज किसी जाति या धर्म के नाम पर कोई बैठक या सभा आयोजित नहीं करता है। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे संगठनों के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "जो लोग कर रहे हैं उनके साथ मेरी शुभकामनाएं। वे संघर्ष करना चाहते हैं तो करें।"
कौन हैं प्रशांत किशोर?
प्रशांत किशोर "जन सुराज" के संस्थापक हैं। उनका कहना है कि वो बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव लाना चाहते हैं। उन्होंने कुछ साल पहले चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम छोड़ दिया और बिहार में बदलाव लाने के उद्देश्य से "जन सुराज" अभियान शुरू किया।
चुनावी रणनीतिकार से बने राजनेता
प्रशांत किशोर को 'पीके' के नाम से भी जाना जाता है। वह एक चुनावी रणनीतिकार और अब राजनीतिज्ञ हैं। उनका जन्म 1977 में बिहार के बक्सर में हुआ था। उन्होंने राजनीति में आने से पहले 8 वर्षों तक संयुक्त राष्ट्र के लिए काम किया। उन्होंने कई राजनीतिक दलों के लिए चुनावी अभियान तैयार किए और सफलता हासिल की, जिनमें 2014 लोकसभा चुनाव, 2015 बिहार विधानसभा चुनाव, 2021 पश्चिम बंगाल चुनाव, 2021 तमिलनाडु चुनाव शामिल हैं।
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