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Hindi News बिहार प्रशांत किशोर ने I.N.D.I.A एलायंस के नामकरण के पीछे की समझाई 'टेक्टिक्स', जानिए क्या कहा

प्रशांत किशोर ने I.N.D.I.A एलायंस के नामकरण के पीछे की समझाई 'टेक्टिक्स', जानिए क्या कहा

जन सुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने जो I.N.D.I.A नाम रखा है, वो लोगों की नजर में टैक्टिकल स्मार्ट मूव है। जिसमें इल्लीगल कुछ नहीं है। लेकिन I.N.D.I.A एलायंस की लीडरशिप और कार्यकलाप में जनता का विश्वास होगा वो तभी वोट देगी।

Prashant Kishor- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO जन सुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर

मुजफ्फरपुर: जन सुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर से जब विपक्षियों पार्टियों ने विपक्षी गठबंधन के नामकरण 'I.N.D.I.A' को लेकर सवाल किया गया तो प्रशांत किशोर ने इसके पीछे की टेक्टिक्स समझाई। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने INDIA नाम रखा नहीं है, बल्कि उन्होंने I.N.D.I.A नाम रखा है। ये तो एबरेविएशन है जो INDIA बन गया। किशोर ने कहा कि कई लोगों की नजर में ये टैक्टिकल स्मार्ट मूव है। जब आप चुनाव लड़ते हैं तो आपको अपनी ब्रांडिंग और जनता तक बात पहुंचाने के लिए शब्द प्रयोग करने होते हैं। इसमें गैरकानूनी कुछ भी नहीं है। 

'I.N.D.I.A' नाम को बताया स्ट्रेटजिकली स्मार्ट मूव
प्रशांत किशोर का कहना है कि एथिक्स और मोरल को लेकर आपकी अपनी भावना हो सकती है कि एथिकली ठीक है कि नहीं। नाम उन्होंने जो रखा है वो स्ट्रेटजिकली स्मार्ट मूव है कि अपने आप को I.N.D.I.A बता देना, अपने एलायंस को I.N.D.I.A बता देना या बताने की कोशिश करना। मुजफ्फरपुर के सरैया में पत्रकारों से बातचीत में शुक्रवार को प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि सिर्फ नामकरण से किसी की जीत हार नहीं होती है। देश की जनता इससे ज्यादा समझदार है। अगर I.N.D.I.A के नैरेटिव में, I.N.D.I.A की लीडरशिप में, I.N.D.I.A एलायंस के कार्यकलाप में जनता का विश्वास होगा तो वह मत देंगे, तभी मत मिलेगा। 

"अपने पिताजी का नाम बदल लेंगे तो क्या होगा?"
जन सुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने इस दौरान कहा कि मैं अपना नाम कुछ भी रख दूं तो हमारा परिचय वो नहीं हो जाएगा। वो तो एक बार को आप कह सकते हैं। मान लीजिए अपने पिताजी का नाम बदल लेंगे, उससे क्या हो जाएगा। अल्टीमेटली आपका जो क्ररैक्टर है, जो आपका कार्य है, जो जनता को कर के दिखाते हैं, उससे आपकी पहचान होगी। सिर्फ नाम बदलने से कुछ नहीं होगा। वहीं इससे पहले भी राजनीतिक रणनीतिकार से सामाजिक कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर ने विपक्षी गठबंधन को लेकर कहा था कि विपक्षी एकता अभियान को चुनावी लाभ तभी मिलेगा जब वह जनता को आकर्षित करने के लिए किसी मुद्दे के साथ आएंगे और केवल ‘अंकगणित’ पर निर्भर रहने से कुछ नहीं होगा। 

(रिपोर्ट- संजीव कुमार)

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