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Hindi News बिहार फिर साथ आएंगे चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस? केंद्रीय मंत्री ने कही ये बात

फिर साथ आएंगे चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस? केंद्रीय मंत्री ने कही ये बात

पशुपति पारस ने कहा कि एनडीए बहुत बड़ा गठबंधन है, इसमें जो भी अन्य दल आएंगे तो एनडीए गठबंधन मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि अगर चिराग पासवान एनडीए में आते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

चिराग पासवान- India TV Hindi Image Source : PTI (FILE PHOTO) Chirag Paswan

पटना: बिहार में बदले सियासी समीकरण में लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान की बीजेपी से नजदीकी के बाद यह कयास लगने लगे हैं कि क्या चाचा पशुपति पारस और भतीजा फिर साथ आएंगे। इस बीच राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को कहा कि कुढनी विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी NDA के प्रत्याशी के पक्ष में पूरी मजबूती से प्रचार प्रसार करेगी। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान अगर एनडीए में आते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। पारस ने इस क्रम में शराबबंदी वापस लेने की भी मांग कर दी।

'चिराग के NDA में आने पर स्वागत करूंगा'
पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पारस ने कहा कि एनडीए बहुत बड़ा गठबंधन है, इसमें जो भी अन्य दल आएंगे तो एनडीए गठबंधन मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि अगर चिराग पासवान एनडीए में आते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि चिराग पासवान सहित और भी कोई दल एनडीए को मजबूत करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रवाद के साथ जुड़ते हैं तो मैं उसका स्वागत करूंगा।

'एक हफ्ते के अंदर पासवान जाति के दर्जनों लोगों की हुई हत्या'
पारस ने कहा कि 28 नवंबर को पार्टी का 23 वां स्थापना दिवस है और उनकी पार्टी इस अवसर पर बड़ा कार्यक्रम कर रही है जहां पार्टी के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में विधि व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर पासवान जाति के दर्जनों लोगों की हत्या हुई है। उन्होंने कहा कि जबसे एनडीए गठबंधन से मुख्यमंत्री अलग हुए हैं तब से पासवान जाति के लोगों की हत्या हो रही है।

बिहार में 77% आरक्षण की व्यवस्था लागू हो- पशुपति
केंद्रीय मंत्री ने बिहार में भी झारखंड की तर्ज पर 77 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू करने की बात कही। उन्होनें इस क्रम में शराबबंदी को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि शराबबंदी से राजस्व का नुकसान हो रहा है शराबबंदी बिहार में असफल है, जो पैसे वाले और उंचे रसूखवाले लोग हैं वह महंगी दाम में शराब पी रहे हैं और उनके उपर शराबबंदी कानून लागू नहीं होता है। पारस ने कहा कि या तो शराबबंदी सख्ती से लागू किया जाना चाहिये यदि शराबबंदी विफल है, तो शराबबंदी कानून को खत्म कर देना चाहिए।

चिराग पासवान के साथ पार्टी के विलय के मसले पर उन्होंने कहा कि समय आएगा तो देखा जाएगा। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि पहले जो गलती किए हैं वे प्रायश्चित तो करें तो कोई भी विचार किया जाएगा।