छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने जाली नोटों के कारोबार का भंडाफोड़ किया है। जिले के रानीतराई गांव के साप्ताहिक बाजार में नकली नोट चलाने की कोशिश कर रहे एक दंपति को पुलिस ने हिरासत में लिया है। आरोपियों की पहचान अरुण तुरंग (50) और उसकी पत्नी राखी (40) के रूप में हुई है, जो रायपुर जिले के सोनपैरी गांव के निवासी हैं।
घटना सोमवार शाम की है, जब धमतरी जिले के भखारा निवासी तुलेश्वर सोनकर अपनी पत्नी के साथ रानीतराई के साप्ताहिक बाजार में सब्जी बेच रहे थे। शाम करीब 5:30 बजे आरोपी दंपति उनके पास पहुंचे और 60 रुपये की सब्जी खरीदकर 500 रुपये का नोट दिया। तुलेश्वर ने 440 रुपये वापस कर दिए।
कुछ समय बाद बाजार में यह चर्चा फैली कि कोई नकली नोट खपा रहा है। जब तुलेश्वर ने अपने पास मौजूद नोट की बारीकी से जांच की, तो उन्हें उसके नकली होने का संदेह हुआ। उन्होंने तुरंत मामले की सूचना रानीतराई थाने में दी।
आरोपी ने कैसे कबूला जुर्म?
पुलिस ने जब संदेह के आधार पर अरुण तुरंग को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी ने बताया कि उसने ऑनलाइन माध्यम से कलर प्रिंटर, विशेष पेपर और फोटोकॉपी मशीन मंगवाई थी। वह असली नोटों की फोटोकॉपी निकालकर उन्हें हूबहू असली नोटों की तरह काटता था और ग्रामीण बाजारों की भीड़भाड़ का फायदा उठाकर उन्हें खपाता था।
लाखों के जाली नोट और मशीनें बरामद
आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने उनके रायपुर स्थित आवास पर दबिश दी, जहां से भारी मात्रा में सामग्री बरामद की गई। पुलिस ने आरोपी अरुण के आवास से कलर फोटो कॉपी मशीन, पेपर और 1,65,300 रुपये के नकली नोट बरामद किए। नकली नोट 500, 200 और 100 रुपये की मुद्रा में थे। अधिकारियों ने बताया पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
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