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Hindi News छत्तीसगढ़ भारतीय रेलवे का गजब मैनेजमेंट! रिटायरमेंट से 3 दिन पहले सीनियर इंजीनियर का कर दिया ट्रांसफर

भारतीय रेलवे का गजब मैनेजमेंट! रिटायरमेंट से 3 दिन पहले सीनियर इंजीनियर का कर दिया ट्रांसफर

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पोस्टेड रेलवे के एक कर्मचारी को रिटायरमेंट से 3 दिन पहले दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया। इसको लेकर वरिष्ठ अभियंता ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर कहा कि यह तो ‘सरासर पागलपन’ है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के बिलासपुर मंडल के मुख्य संचार अभियंता ने इसे उत्पीड़न बताया है।

Railway- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE रेलवे के कर्मचारी के साथ रिटारमेंट से पहले हुआ अजीब वाकया

जब कोई कर्मचारी दशकों तक अपनी सेवाएं देने के बाद रिटायर हो रहा होता है तो उसके दफ्तर और साथी कर्मचारियों में एक भावुक और खुशी का माहौल होता है। लेकिन रेलवे के एक कर्मचारी को रिटायरमेंट से 3 दिन पहले सैंकड़ों किलोमीटर दूर ट्रांसफर कर दिया गया। खबर है कि सेवानिवृत्ति से 3 दिन पहले छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से दिल्ली स्थानांतरित किए गए एक वरिष्ठ अभियंता ने रेलवे बोर्ड से कहा कि यह तो ‘सरासर पागलपन’ है। 

कर्मचारी ने रेलवे को पत्र लिखकर बताया 'पागलपन' 

दरअसल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के बिलासपुर मंडल के मुख्य संचार अभियंता ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर अपनी रिटायरमेंट से तीन दिन पहले उत्तर रेलवे (एनआर) जोन में अपने ट्रांसफर को उत्पीड़न बताया है। स्थानांतरण आदेश के अनुसार, केपी आर्य को 28 नवंबर 2023 को उत्तर रेलवे में उच्च प्रशासनिक ग्रेड (एचएजी) पद का कार्यभार संभालना है जबकि उनकी सेवानिवृत्ति 30 नवंबर को होने वाली है। आर्य ने रेलवे बोर्ड के सचिव को लिखे पत्र में कहा, “यह आदेश सतही तौर पर तो सही लगता है, लेकिन जब एक सप्ताह के भीतर 30 नवंबर 2023 को होने वाली मेरी सेवानिवृत्ति के पूर्ण परिप्रेक्ष्य में देखा जाए, तो पागलपन स्पष्ट रूप से दिखता है।” 

"ये पूरी तरह से जनता के पैसे की बर्बादी है"

केपी आर्य ने कहा, “भारतीय रेलवे में जीवन भर सेवा देने वाले कर्मचारी को रिटायरमेंट के सप्ताह में ट्रांसफर करना कुछ नहीं बल्कि सरासर पागलपन है ताकि उसकी सेवानिवृत्ति संबंधी व्यवस्था बाधित की जा सके और उसे संगठन में अपने अंतिम तीन दिन परेशान किया जा सके।” आर्य ने मीडिया से कहा कि एसईसीआर जोन में पहले से ही एचएजी का एक पद खाली था, फिर भी रेलवे बोर्ड ने उन्हें उत्तर रेलवे जोन में इसी पद पर स्थानांतरित करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली में उत्तर रेलवे के मुख्यालय में सिर्फ तीन दिन काम करूंगा और भारतीय रेलवे से सेवानिवृत्त हो जाऊंगा। रेलवे मुझे तबादला भत्ते के रूप में करीब तीन लाख रुपये का भुगतान करेगा जो पूरी तरह से जनता के पैसे की बर्बादी है।” 

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