Friday, May 03, 2024
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"भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा एक ड्रामा, साधु-संत हैं आतंकी," स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर दिया विवादित बयान

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भगवान राम हजारों साल से पूजनीय हैं और उनकी प्राण प्रतिष्ठा एक ड्रामा है। मौर्य ने ये भी कहा कि यह सब साधु संत के भेष में आतंकी हैं।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: November 27, 2023 20:01 IST
Swami Prasad Maurya- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में नहर कॉलोनी में राष्ट्रीय संविधान जागरूक समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादति बयान दे दिया। इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर के निर्माण और भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पर केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों को घेरा। मौर्य ने कहा कि भगवान राम हजारों साल से पूजनीय हैं और उनकी प्राण प्रतिष्ठा एक ड्रामा है। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने उन साधु संतों को भी निशाना बनाया, जिन्होंने उनका सिर कलम करने की बात कही थी। 

"ये सब साधु संत के भेष में आतंकी हैं"

पिछले साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि यह सब साधु संत के भेष में आतंकी हैं। इतना ही नहीं मौर्य ने जेल में हनुमान चालीसा का पाठ कराए जाने के कारागार मंत्री के बयान का भी पुरजोर तरीके से विरोध किया। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी संस्थान में धर्म विशेष का कोई कार्यक्रम होना सांप्रदायिक हिंसा है।

सदन में मोबाइल बैन पर सरकार का समर्थन

इसके अलावा स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मोबाइल, पोस्टर और बैनर की रोक पर सरकार का समर्थन भी किया है। लोकिन स्वामी प्रसाद मौर्या ने केंद्र और राज्य की सरकार पर आरक्षण को खत्म करने का आरोप लगाते हुए, जांच एजेंसियों के जरिए विपक्ष की आवाज को दबाने वाला बताया है।

लगातार देते रहते हैं धर्म पर विवादित बयान 

गौरतलब है कि हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य ने सवाल उठाया था कि देवी लक्ष्मी के चार हाथ कैसे हो सकते हैं? इससे विवाद हो गया था। इससे पहले रामचरितमानस और बद्रीनाथ मंदिर पर मौर्य की टिप्पणियों से भी विवाद उठा था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसी साल 22 जनवरी को श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए कहा था कि उनमें पिछड़ों, दलितों और महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है, लिहाजा इस पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए। मौर्य की इस टिप्पणी को लेकर साधु-संतों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी कड़ी आलोचना की थी।

(रिपोर्ट- दिलीप सैनी)

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