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Hindi News दिल्ली बढ़ती ठंड के साथ दिल्ली पर छाई स्मॉग की परत, AQI 'बेहद खराब'; जानें पूरे हफ्ते का हाल

बढ़ती ठंड के साथ दिल्ली पर छाई स्मॉग की परत, AQI 'बेहद खराब'; जानें पूरे हफ्ते का हाल

दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का AQI बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली की हवा में इस समय मानकों से ढाई गुना से ज्यादा प्रदूषण मौजूद है। वहीं, 30 नवंबर को भी एक्यूआई 300 के ऊपर ही रहेगा।

delhi air pollution- India TV Hindi Image Source : PTI (FILE PHOTO) दिल्ली वायु प्रदूषण

नई दिल्ली: सर्दियां आते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है। हवाओं की रफ्तार कमजोर होने के कारण सोमवार को भी धुंध की परत छाई रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 313 पर 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, पर्यावरण में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों की सांद्रता क्रमश: 313 और 202 (मध्यम) दर्ज की गई।

कल और खराब होगी हवा की गुणवत्ता
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकॉस्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के मुताबिक, मंगलवार को एक्यूआई के 324 तक पहुंचने से शहर की हवा की गुणवत्ता और खराब होगी। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का AQI बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली की हवा में इस समय मानकों से ढाई गुना से ज्यादा प्रदूषण मौजूद है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में कल प्रदूषण में और इजाफा होने की संभावना है, इसका स्तर बेहद खराब ही बना रहेगा। वहीं, 30 नवंबर को भी एक्यूआई 300 के ऊपर ही रहेगा। इसके बाद पूरे हफ्ते हवा में प्रदूषण का स्तर हद खराब बना रहेगा। 

आनंद विहार और पटपड़गंज में भी AQI बेहद खराब
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सोमवार सुबह आनंद विहार, पटपड़गंज और आईटीओ में एक्यूआई क्रमश: 379, 362 और 319 दर्ज किया गया, जो सभी 'बेहद खराब' श्रेणी में थे। खराब वायु गुणवत्ता के लंबे समय तक संपर्क में रहने से श्वसन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।

NCR के शहरों में भी जहरीली हुई हवा
वहीं, बात करें एनसीआर के शहरों की तो सोमवार को नोएडा में एक्यूआई 372 दर्ज किया, जबकि गुरुग्राम का आंकड़ा थोड़ा सुधार के साथ 276 दर्ज किया गया। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार मौसमी परिस्थितियों में हुए बदलाव का असर वायु गुणवत्ता पर भी दिख रहा है।