Delhi News: आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को दावा किया कि पार्किंग शुल्क संग्रह में अनियमितताओं के कारण दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 'राजकोष को बड़ा नुकसान' हुआ। आप ने साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं की संलिप्तता का आरोप भी लगाया। आप के एक बयान के मुताबिक, आप के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में मांग की कि उपराज्यपाल इसकी जांच का आदेश दें। आप का यह आरोप निकाय चुनाव से पहले आया है। भाजपा या एमसीडी की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी। एमसीडी में विलय से पहले दिल्ली के तीन नगर निकायों में भाजपा सत्ता में थी। एमसीडी ने एक बयान में इस आरोप को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।
1.5 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ
बयान के मुताबिक, एमसीडी ने इस बात पर जोर दिया कि वह अपने पार्किंग स्थलों को पेशेवर तरीके से संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है और अनुबंध के नियमों व शर्तों के अनुसार लाइसेंस शुल्क एकत्र किया जाता है। पाठक ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली एमसीडी ने पार्किंग शुल्क लेने के लिए एक कंपनी को टेंडर दिया, लोगों ने कुल 1.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन एकत्र की गई राशि एमसीडी तक कभी नहीं पहुंची।’’ उन्होंने दावा किया मामला अदालत में गया, लेकिन 2022 में अदालत के आदेश के बावजूद कंपनी ने पैसे का भुगतान नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि एमसीडी ने उसका लाइसेंस निलंबित किया और कंपनी को काली सूची में डाल दिया।
एमसीडी को छह करोड़ रुपये का नुकसान
पाठक ने आरोप लगाया कि उक्त कंपनी के मालिकों ने एमसीडी को धोखा देने के लिए कई अन्य कंपनियां खोलीं। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके परिणामस्वरूप, एमसीडी को छह करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘क्या भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की संलिप्तता के बिना इतना बड़ा घोटाला करना संभव है? हम पूरे मामले का विवरण देते हुए उपराज्यपाल को पत्र लिखेंगे। हमें उम्मीद है कि वह जांच का आदेश देंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।’’