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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड “फ्लॉप होने के बाद आपका फोन उठाना बंद कर देते हैं लोग”

“फ्लॉप होने के बाद आपका फोन उठाना बंद कर देते हैं लोग”

अभिषेक बच्चन ने अपने अब तक के फिल्मी करियर में कई उतार-चढ़ाव देखें हैं। उन्हें जहां कुछ फिल्मों के लिए दर्शकों ने सराहा है वहीं उन्होंने आलोचनाओं का भी सामना किया है।

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नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन ने अपने अब तक के फिल्मी करियर में कई उतार-चढ़ाव देखें हैं। उन्हें जहां कुछ फिल्मों के लिए दर्शकों ने सराहा है वहीं उन्होंने आलोचनाओं का भी सामना किया है। हाल ही में उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए अपने फिल्मी करियर को लेकर काफी बाते की हैं।  बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक का कहना है कि आप चाहे किसी की भी औलाद हों इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर आपकी फिल्म फ्लॉप हो जाती है तो लोग आपका फोन उठाना बंद कर देते हैं।

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वर्ष 2000 में 'रिफ्यूजी' फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले अभिषेक के करियर में कई उतार-चढ़ाव आए। जहां 'गुरु', 'धूम', 'बंटी और बबली', 'दोस्ताना' और 'बोल बच्चन' जैसी फिल्मों में उनके अभिनय की सराहना की गई, वहीं कई फिल्मों के लिए उन्हें आलोचनाओं का शिकार भी होना पड़ा।

अभिषेक ने बताया, "मैं फिल्म उद्योग में 16 साल पूरे कर चुका हूं और इस बीच उतार-चढ़ाव दोनों देखे हैं। मैंने काफी कुछ सीखा है और अब भी सीखना चाहता हूं। यह एक शानदार यात्रा रही है और मुझे खुशी और गर्व है कि मैं इस उद्योग का हिस्सा हूं।"

अभिनेता ने कहा, "मुझे लगता है कि असफलता का दौर जरूरी था। यह आपको काफी कुछ सिखाता है। मुझे लगता है कि असफलता के बिना कोई सफलता नहीं मिलती। यह आपको जमीन से जोड़े रखती है और चीजों की प्रशंसा करना सिखाती है।"

अभिषेक ने कहा, "अगर हमारी फिल्म फ्लॉप हो जाती है, तो लोग फोन उठाना बंद कर देते हैं। फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किसकी औलाद हैं। यह सच है कि फिल्म का फ्लॉप होना दुनिया का सबसे बुरा अहसास है।" उन्होंने कहा, "अगर आप चाहते हैं कि आपकी जिंदगी में अच्छा हो, तो आपको पहले अपने लिए सोचना होगा कि आपके लिए अच्छी चीजें हो सकती हैं।"

सोशल मीडिया में कई बार उनकी फिल्मों के चुनाव का उपहास उड़ाया जाता रहा है। अभिषेक ने कहा कि वह इससे ज्यादा प्रभावित नहीं होते। उन्होंने कहा, "अगर आप सोशल प्लेटफॉर्म पर हैं, तो आप इस पर सभी के लिए मौजूद होते हैं। यह सब हंसी-मजाक में और मजे के लिए किया जाता है।"

हालांकि उन्होंने कहा कि जिस क्षण भी उन्हें लगता है कि सोशल मीडिया पर पैरखिंचाई सीमा पार कर रहा है, तब वह प्रतिक्रिया करना बंद कर देते हैं। उन्होंने कहा, "जिस क्षण भी वे मजाक से आगे बढ़कर अपशब्द शुरू कर देते हैं, तब उसमें कोई मजा नहीं रह जाता और आप रुक जाते हैं।"

सोशल मीडिया एक ऐसे मंच के रूप में भी उभरा है, जहां कलाकार फिल्म उद्योग की प्रतियोगिता के बावजूद अपने सहकर्मियों के काम की दिल से प्रशंसा करने लगे हैं।

इस पर अभिषेक ने कहा, "निश्चित तौर पर! अच्छे काम की प्रशंसा में कोई नुकसान नहीं है। मैं अपने हमउम्र लोगों का समर्थन और प्रोत्साहन करने में यकीन रखता हूं। मुझे लगता है कि बॉलीवुड सभी मंचों पर एक-दूसरे के समर्थन के लिए साथ आ रहा है।"

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