A
Hindi News फैक्ट चेक Fact Check: पैसे लेकर किसान आंदोलन में शामिल नहीं हो रहे लोग, झूठा निकला दावा

Fact Check: पैसे लेकर किसान आंदोलन में शामिल नहीं हो रहे लोग, झूठा निकला दावा

एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके साथ दावा है कि इसमें कुछ लोग किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए पैसों की डील कर रहे हैं। लेकिन हमारी पड़ताल में ये साफ हुआ कि वायरल वीडियो असल में ट्रैक्टर की सौदेबाजी का है।

किसान आंदोलन को लेकर...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV किसान आंदोलन को लेकर वायरल एक वीडियो का फैक्ट चेक

India TV Fact Check: दिल्ली से सटे बॉर्डरों पर अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से किसानों का जमावड़ा होना शुरू हो गया। इस बीच सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई तरह के वीडियो वायरल होने लगे हैं। ऐसा ही एक वीडियो हमारे सामने आया जिसके साथ ये दावा किया जा रहा है कि इसमें किसान आंदोलन में जाने के लिए कुछ लोगों के बीच सौदेबाजी हो रही है और पैसों को लेकर हाथापाई भी हो रही है। लेकिन जब हमने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया तो दावा झूठा निकला। असली वीडियो ट्रैक्टर को लेकर हो रही सौदेबाजी का है।

क्या हो रहा वायरल?

दरअसल, फेसबुक पर Sanatani Hindu नाम के एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया। इस वीडियो को 22 फरवरी 2024 को पोस्ट किया गया है और इसके साथ कैप्शन में लिखा, "यह वीडियो दलालों की पोल खोल रही है। एक महीने तक बॉर्डर पर बैठने क रेट पर बहस हो रही है सामने वाला व्यक्ति ₹40000 बोल रहा है लेकिन जो दलाल पैसे दे रहा है वह कह रहा है यार एक महीने का 35000 ठीक है तेरी खेती बाड़ी तो वहां मजदूर कर ही रहे हैं तेरे को बस यहां बैठता है खाना मिलेगा दारू मिलेगी तो 35000 ले ले। यह इनकी असली सच्चाई है इसे ज्यादा से ज्यादा रिपोस्ट  करें ताकि देश को पता चले कि यह कितने नीच लोग हैं... इनका मकसद किसान  नहीं बल्कि मोदी की लोकप्रियता कम करना है और यह उसे बता भी चुके हैं।"

Image Source : screenshot फेसबुक पर वायरल हो रहा ये वीडियो

इस वीडियो में एक शख्स कुर्सी पर बैठा दिख रहा है और एक गुलाबी पगड़ी वाला शख्स दूसरे के साथ हाथापाई करते हुए मोलभाव कर रहा है। इसमें वह 35 हजार, साढ़े 37 हजार... 40 हजार कहते हुए दिख रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि कुर्सी पर बैठा शख्स बार-बार उठने की कोशिश कर रहा है लेकिन दूसरा शख्स उसे जबरदस्ती वापस बैठा देता है। इस वीडियो को दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

इंडिया टीवी ने किया फैक्ट चेक

जब हमारे सामने ये वीडियो आया तो इस हमने ध्यान से देखा। इस वीडियो की शुरुआत में तो पैसों को लेकर बहस होती है। जिसमें 40 हजार, साढ़े 37 हजार और 35 हजार रुपये पर मामला गर्म होते दिख रहा है। लेकिन वीडियो के आखिर में कुर्सी पर बैठा शख्स पंजाबी में कहता सुनाई देता है, "ट्रैक्टर भी नया है..." इसपर गुलाबी पगड़ी वाला शख्स पूछता सुनाई देता है, "डंडा-डुंडा है?" तो शख्स जवाब देता है, "हां-हां टॉपलिंग भी है... ट्रैक्टर भी देख लो नया है... "   (ट्रैक्टर के पीछे कल्टीवेटर लगाने वाले औजार को टॉपलिंग कहते हैं) इस वीडियो में ध्यान से देखने पर पीछे कई सारे ट्रैक्टर भी खड़े हुए दिख रहे हैं।

वीडियो में ये बातचीत सुनकर ये संदेह हुआ किया यहां बातचीत किसान आंदोलन से संबंधित नहीं हो रही है। इसके बाद हमने इस वीडियो को गूगल पर रिवर्स सर्च करके देखा। गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर हमें एक वीडियो इंस्टाग्राम पर मिली। ये वीडियो taayachacha नाम के यूजर ने 19 जनवरी को अपलोड की गई थी। इसके साथ कैप्शन में गुरुमुखी में लिखा है, "ਟਰੈਕਟਰ ਦਾ ਸੌਦਾ ਹੁੰਦਾ ਵੇਖ ਲਓ" यानी ट्रैक्टर का सौदा होते देख लो। 

Image Source : screenshot इंस्टाग्राम पर मिला ट्रैक्टर की सौदेबाजी का वीडियो

इस वीडियो में भी वही बातचीत हो रही है। यहा भी 35 हजार और 40 हजार के मोलभाव पर फंसा हुआ है। कुर्सी पर बैठा शख्स 40 हजार मांगता है और गुलाबी पग वाला शख्स साढ़े 37 हजार कहता है। जब मन के दाम नहीं मिलते हैं तो शख्स कुर्सी से उठने की कोशिश करता है। लेकिन गुलाबी पगड़ी वाला शख्स उसका मुंह और गर्दन पकड़कर उसे वापस बैठाने की कोशिश करता है। इस दौरान शख्स कहता है, "ट्रैक्टर भी तो देख एकमद नया दूंगा" इस पूरी सौदेबाजी के दौरान वहां खड़े कुछ लोग हंस भी रहे हैं। कई और इंस्टाग्राम यूजर्स ने भी जनवरी में इस ट्रैक्टर की सौदेबाजी का वीडियो शेयर किया था।

इसके बाद जब हमने गूगल पर ट्रैक्टर की सौदेबाजी के इस वीडियो के संबंध में सर्च किया तो पता चला कि पंजाब के बठिंडा के तलवंडी साबों में हर हफ्ते सबसे बड़ी ट्रैक्टर की मंडी लगती है। सोशल मीडिया पर इस ट्रैक्टर मंडी के इसी तरह के और भी वीडियो उपलब्ध हैं।

पड़ताल में क्या निकला?

इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में साफ हुआ कि वायरल वीडियो पैसे लेकर किसान आंदोलन में जाने का नहीं बल्कि ट्रैक्टर की सौदेबाजी का है।

ये भी पढ़ें-