A
Hindi News गुजरात बर्ड फ्लू की दहशत के बीच यहां मृत पाए गए कौए, बीमारी को लेकर दहशत बढ़ी

बर्ड फ्लू की दहशत के बीच यहां मृत पाए गए कौए, बीमारी को लेकर दहशत बढ़ी

गुजरात में बर्ड फ्लू के पहले मामले की पुष्टि के बाद राज्य के जूनागढ़ जिले की मंग्रोल तालुका स्थित एक गांव में चार कौओं के मृत मिलने से इस बीमारी को लेकर दहशत और बढ़ गई है।

बर्ड फ्लू की दहशत के बीच यहां मृत पाए गए कौए - India TV Hindi Image Source : @ANKITAGUPTA102 बर्ड फ्लू की दहशत के बीच यहां मृत पाए गए कौए 

जूनागढ़: गुजरात में बर्ड फ्लू के पहले मामले की पुष्टि के बाद राज्य के जूनागढ़ जिले की मंग्रोल तालुका स्थित एक गांव में चार कौओं के मृत मिलने से इस बीमारी को लेकर दहशत और बढ़ गई है। राज्य में शुक्रवार को बर्ड फ्लू के पहले मामले की तब पुष्ट हुई जब दो मृत टिटहरियों में से एक के नमूने में संबंधित विषाणु का संक्रमण पाया गया। जूनागढ़ के मंग्रोल पशु चिकित्सा औषधालय के अधिकारी अशोक कुंभानी ने कहा, ‘‘हमें शुक्रवार की शाम लोएज गांव में चार कौए मृत मिले। उनकी मृत्यु का कारण जानने के लिए नमूने भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेजे जाएंगे।’’ 

अधिकारी ने कहा कि संबंधित क्षेत्र में मिले 10 पक्षियों में से चार मृत थे और छह अन्य का उपचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग इस क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहा है और जांच जारी है। वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में सूरत और मेहसाणा जिलों में मृत मिले चार कौओं के नमूनों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है।

गुजरात सरकार ने बर्ड फ्लू के बारे में पांच जनवरी को अलर्ट जारी किया था और अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था। केंद्र ने कहा था कि अब तक केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।

पढ़ें- अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर काले कानून खत्म करने की गुहार लगा रहे हैं: कांग्रेस

पढ़ें- देश के 15 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों में संक्रमण की दर राष्ट्रीय औसत से कम

 

राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि, दिल्ली में पक्षियों की आकस्मिक मौत

केन्द्र सरकार ने इससे पहले शुक्रवार को कहा था कि अब तक केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। सरकार ने इन छह राज्यों को कार्य योजना के अनुसार इस बीमारी पर काबू पाने का निर्देश दिया है। दिल्ली के हस्तसाल विलेज के डीडीए पार्क में भी 16 पक्षियों की आकस्मिक मौत की खबर मिली है और नमूनों को जांच के लिये प्रयोगशाला भेज दिया गया है। 

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ''अब तक छह राज्यों (केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात) में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। पता चला है कि केरल के दोनों प्रभावित जिलों में पक्षियों को मारने का अभियान खत्म हो गया है। संक्रमण मुक्त करने की प्रक्रिया जारी है।'' बयान में कहा गया है कि अभी तक एवियन इंफ्लूएंजा (एआई) से अछूते रहे राज्यों से भी पक्षियों का आकस्मिक मौत के लेकर सतर्क रहने और तत्काल इसकी जानकारी देने का अनुरोध किया गया है ताकि कम से कम समय में आवश्यक कदम उठाए जा सकें। 

प्रभावित राज्यों केरल, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश का दौरा करने के लिये केन्द्रीय टीमों का गठन किया गया है जो हालात पर नजर रखते हुए महामारी संबंधी आवश्यक जांच करेंगी। सरकार ने कहा कि आईसीएआर-निषाद ने नमूनों की जांच के बाद हरियाणा के पंचकूला की दो पॉल्ट्री फर्मों में एवियन इंफ्लुएंजा संक्रमण होने की पुष्टि की है। गुजरात के जूनागढ़ जिले में प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ राजस्थान के सवाई माधोपुर, पाली, जैसलमेर और मोहर जिलों में कौओं के बीच बर्ड फ्लू फैलने की पुष्टि हुई है। लिहाजा, पशुधन एवं डेयरी विभाग ने प्रभावित राज्यों को कार्ययोजना के अनुसार रोग को काबू में करने का सुझाव दिया है। 

बयान में कहा गया था, ''दिल्ली के हस्तसाल विलेज के डीडीए पार्क में भी 16 पक्षियों की आकस्मिक मौत होने की खबर मिली है। दिल्ली के पशुधन विभाग ने ऐहतियाती कदम उठाते हुए नमूनों को आईसीएआर-निषाद भेद दिया है और जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। '' सरकार ने कहा कि पॉल्ट्री किसानों और आम लोगों (अंडे और चिकन के उपभोक्ताओं) के बीच बीमारी को लेकर जागरुकता बहुत महत्वपूर्ण है। 

बयान में कहा गया था, ''चिकन और अंडों के सेवन को लेकर भरोसा पैदा करने से संबंधित पशुधन एवं डेयरी विभाग के सचिव का संप्रेषण स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया गया है। '' बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय से इस संबंध में पर्याप्त परामर्श जारी करने का अनुरोध किया गया है ताकि अफवाहों को लगाम लगाकर लोगो के बीच अंडों और चिकन के सेवन के प्रति भरोसा कायम किया जा सके। बयान में कहा गया है , ''इसके अलावा, राज्यों से उन पॉल्ट्री या पॉल्ट्री उत्पादों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अनुरोध किया गया है जिन्हें उबालकर या पकाकर खाना सुरक्षित है। केन्द्र सरकार ने इस मामले में सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।''