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Hindi News हेल्थ इस कारण महिलाओं में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, डॉक्टर ने बताया सबसे खतरनाक होती है ये उम्र

इस कारण महिलाओं में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, डॉक्टर ने बताया सबसे खतरनाक होती है ये उम्र

Heart Attack In Women:महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर से मोनोपॉज यानि रजोनिवृत्ति के बाद हार्ट अटैक का रिस्क और भी बढ़ जाता है। डॉक्टर से जानिए क्या हैं इसके कारण और कैसे बचाव कर सकते हैं?

महिलाओं में हार्ट अटैक- India TV Hindi Image Source : FREEPIK महिलाओं में हार्ट अटैक

हार्ट से जुड़ी बीमारियों के मामले एक समय तक सिर्फ पुरुषों में ज्यादा देखे जाते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। हार्ट अटैक महिलाओं की असमय मौत का एक बड़ा कारण बन गया है। हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा एक उम्र के बाद और भी बढ़ जाता है। ये उम्र महिलाओं के लिए 45 से 55 के बीच की मानी जाती है जब महिलाएं मोनोपॉज से गुजरती हैं। इसकी बड़ी वजह इस दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट है। 

गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में सीटीवीएस और हार्ट ट्रांसप्लांट के वरिष्ठ निदेशक और प्रमुख डॉक्टर उद्गीथ धीर का कहना है कि एस्ट्रोजन हेल्दी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने, ब्लड वेसेल्स को लचीला बनाए रखने और सूजन को कम करने में मदद करता है। जिससे दिल स्वस्थ रहता है और बीमारियां कम होती हैं। लेकिन मोनोपॉज के दौरान इस हार्मोन की कमी से धमनियों में प्लाक बनने प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस के रूप में जाना जाता है।

एस्ट्रोजन कैसे हार्ट को सुरक्षित रखता है?

  • एस्ट्रोजन मोनोपॉज से पहले ब्लड वेसेल्स को लचीला बनाए रखने और ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखने में मदद करता है।
  • एलडीएल यानि खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके और एचडीएल यानि अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल संतुलन को बढ़ाता है।
  • धमनियों से सूजन कम कर उन्हें सुरक्षित करने का काम करता है।
  • मेटाबॉलिज्म को तेज बनाने और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है।

लेकिन मोनोपॉज की उम्र के बाद ये फायदे धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं क्योंकि एस्ट्रोजन का स्तर गिर जाता है। इससे एथेरोस्क्लेरोसिस यानि धमनियों का सिकुड़ना, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट से जुड़ी अन्य समस्याएं पैदा होने लगती हैं।

मोनोपॉज के बाद बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा

दरअसल मोनोपॉज की उम्र में शरीर में कई बदलाव होते हैं। जिससे हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने और गुड कोलेस्ट्रॉल कम होना खतरनाक होता है। हाई ब्लड प्रेशर और एस्ट्रोजन की कमी से ब्लड वेसेल्स सख्त हो जाती हैं। वजन बढ़ने लगता है खासतौर से पेट के आसपास मोटापा बढ़ने से हार्ट की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस उम्र में इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता कम होने लगती रहै। जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। सूजन ज्यादा होने की वजह से धमनियों में प्लाक जमने का खतरा बढ़ जाता है। ये सभी कारण हार्ट की बीमारियों के खतरे को बढ़ाती हैं।

महिलाओं के लिए खतरनाक हैं 45 से 55 साल 

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में रोबोटिक सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. नीलम सूरी कहती हैं कि जब ये परिवर्तन एक ही समय पर होते हैं, तो हार्ट के लिए खतरनाक परिस्थितियां पैदा करते हैं। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती है। डायबिटीज, मोटापा, धूम्रपान और फैमिली की हार्ट हिस्ट्री खतरे को बढ़ाती है। 

मोनोपॉज के साइड इफेक्ट

कई महिलाओं को इस वक्त तनाव, चिंता या नींद की कमी जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ये हार्ट हेल्थ को और अधिक प्रभावित करती हैं। महिलाओं में हार्ट की बीमारियों के लक्षण थकान, सांस फूलना या मतली आना, सीने में दर्द हो सकता है। 

कैसे रखें हार्ट का ख्याल

महिलाओं को उम्र बढ़ने के साथ अपनी हार्ट हेल्थ की निगरानी रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए नियमित जांच कराएं, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखें, कोलेस्ट्रॉल की निगरानी रखें, हार्ट को हेल्दी रखने वाला भोजन लें, नियमित व्यायाम करें और तनाव से दूर रहें। अगर कोई लक्षण नजर आए तो बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाएं।

Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।) 

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