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Hindi News भारत राष्ट्रीय मुखर्जी नगर मामले में उच्च न्यायालय ने कहा- दिल्ली पुलिस का हमला बर्बरता का उदाहरण

मुखर्जी नगर मामले में उच्च न्यायालय ने कहा- दिल्ली पुलिस का हमला बर्बरता का उदाहरण

न्यायमूर्ति जयंत नाथ और न्यायमूर्ति नजमी वजीरी की पीठ ने कहा, ‘‘यह पुलिस की बर्बरता का उदाहरण नहीं है, तो क्या है?’’ इस मामले की स्वतंत्र सीबीआई जांच का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, आप सरकार और दिल्ली पुलिस को अपना रुख बताने के लिए नोटिस जारी करते हुए पीठ ने यह टिप्पणी की।

‘If cops act like this, it would scare citizens’: HC pulls up Delhi Police over Mukherjee Nagar case- India TV Hindi ‘If cops act like this, it would scare citizens’: HC pulls up Delhi Police over Mukherjee Nagar case

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक ऑटो रिक्शा चालक और उसके नाबालिग बेटे पर पुलिस का हमला उसकी (पुलिस की) बर्बरता का उदाहरण है। न्यायमूर्ति जयंत नाथ और न्यायमूर्ति नजमी वजीरी की पीठ ने कहा, ‘‘यह पुलिस की बर्बरता का उदाहरण नहीं है, तो क्या है?’’ इस मामले की स्वतंत्र सीबीआई जांच का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, आप सरकार और दिल्ली पुलिस को अपना रुख बताने के लिए नोटिस जारी करते हुए पीठ ने यह टिप्पणी की। गौरतलब है कि रविवार शाम ऑटो चालक सरबजीत सिंह और पुलिसकर्मियों के बीच लड़ाई का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। 

पेशे से वकील सीमा सिंघल द्वारा दायर याचिका में मीडिया में आयी खबरों का हवाला देते हुए कहा गया कि पुलिस ने ऑटो रिक्शा चालक और उसके नाबालिग बेटे को बुरी तरह से पीटा। साथ ही याचिका में मामले में मेडिकल रिपोर्ट समेत रिकॉर्ड तलब करने की मांग की गई। घटना के एक वीडियो क्लिप में ऑटो चालक तलवार लेकर पुलिसकर्मियों के पीछे भागते हुए दिखाई देता है। एक अन्य वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी ऑटो चालक और उसके बेटे की डंडों से पिटाई करते दिख रहे हैं। 

अधिवक्ता संगीता भारती के जरिए दायर की गई याचिका में सिंह और उसके नाबालिग बेटे पर ‘‘बर्बर हमले’’ की सीबीआई या ऐसी ही किसी एजेंसी से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में ‘‘पुलिस की बर्बरता और अत्यधिक बल प्रयोग के हिंसक कृत्यों’’ को रोकने के लिए पुलिस सुधारों को लेकर उचित दिशा-निर्देश तय करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही, याचिका में आग्रह किया गया है कि मीडिया को सिंह के नाबालिग बेटे की पहचान उजागर करने और या उसकी तस्वीरें या साक्षात्कार प्रसारित करने से रोका जाए। गौरतलब है कि इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने अपने तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और जांच शुरू कर दी है।

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