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Hindi News भारत राष्ट्रीय Kargil Vijay Diwas: 19 साल का लड़का और लग चुकी थी 15 गोलियां, लेकिन योगेंद्र यादव ने खत्म किए कई दुश्मन सैनिक

Kargil Vijay Diwas: 19 साल का लड़का और लग चुकी थी 15 गोलियां, लेकिन योगेंद्र यादव ने खत्म किए कई दुश्मन सैनिक

टाइगर हिल पर चढ़ाई के दौरान योगेंद्र के कपड़े फट गए थे, उन्होंने अपना पर्स पीछे वाली जेब से निकालकर सीने के करीब वाली जेब में रख लिया था, जब पाकिस्तानियों ने उन्हें 15वीं गोली मारी तो वो उनके पर्स में रखे 5 रुपये के सिक्के से टकरा गई।

 Kargil Vijay Diwas Yogender Singh Yadav Story Kargil War । Kargil Vijay Diwas: 15 गोलियां लगने के ब- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Kargil Vijay Diwas: 15 गोलियां लगने के बाद भी मौत को दी मात,  पढ़िए परमवीर चक्र से सम्मानित योगेंद्र यादव की कहानी 

नई दिल्ली। टाइगर हिल, इस जगह का नाम सुनते ही हम सबके जेहन में भारतीय सैनिकों की वीरगाथाएं गुंजने लगती हैं। कारगिल की पहाड़ियों पर लड़ते हुए बड़ी संख्या में भारतीय वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी। कारगिल की पहाड़ियों में अदम्य साहस दिखाने वाले सैनिकों में से एक हैं परमवीर चक्र से सम्मानित योगेंद्र यादव। 21 साल पहले हुए इस युद्ध में हिस्सा लेने वाले योगेंद्र यादव उस समय महज 19 साल के थे। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद से ही उन्होंने जंग की तैयारियां शुरू कर दी थीं। भारतीय सेना की 18 ग्रेनेड का हिस्सा बन योगेंद्र जंग में मैदान में उतरे। 3 और 4 जुलाई की आधी रात को अपनी यूनिट की घातक प्लाटून का हिस्सा योगेंद्र यादव को टाइगर हिल पर कब्जा करना टास्क सौंपा गया।

इस बर्फीली पहाड़ी चोटी पर अपनी साथियों के राह बनाने की जिम्मेदारी संभाली योगेंद्र यादव ने। योगेंद्र यादव ने खतरे को जानते हुए अपने साथियों के लिए रस्सियां बांधने का काम शुरू किया। योगेंद्र और उनकी टीम को अचानक टाइगर हिल के टॉप पर देखकर दुश्मन भी चकरा गया। पाकिस्तानी सैनिकों से तुरंत फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें उनकी टीम के कमांडर औऱ दो अन्य जवान शहीद हो गए। वीर जवानों की इस क्षति ने इस टुकड़ी की आगे की तरफ मूवमेंट को रोक दिया, लेकिन योगेंद्र धीरे-धीरे आगे सरकते रहे। उन्हें आगे बढ़ता देख दुश्मन ने फायरिंग भी की, जिनमें से कई गोलिया योगेंद्र यादव को लगीं।

लेकिन ये गोलियां योगेंद्र के हौसले को न डिगा सकीं, उन्होंने दुश्मन की पोजिशन पर ग्रेनेड से अटैक कर दिया और फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें चार पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। इस दौरान भी योगेंद्र को कई गोलियां लगीं, लेकिन 18 ग्रिनेडियर्स के इस जवान के साथ मानों खुद भगवान मौजूद थे, उन्होंने खुद को एक बार फिर संभाला। योगेंद्र और उनके साथियों का पता लगाने के लिए पाकिस्तानी सैनिक उस जगह की तरफ आए, जहां से फायरिंग की गई थी, काफी देर से एकदम शांत बैठे भारत के जवानों ने यहां पाकिस्तान के 11 सैनिकों को ढेर कर दिया , जबकि एक पाकिस्तान सैनिक भाग निकला। उसने इस टुकड़ी के टाइगर हिल पर पहुंचने की जानकारी पाकिस्तानी सेना को दे दी।

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जिसके बाद पाकिस्तानी फौज पूरी तैयारी के साथ आई, इस दौरान मोर्टार का एक टुकड़ा योगेंद्र की नाक पर लगा, उनके साथी भी शहीद हो गए। योगेंद्र के शरीर में भी 11गोलियां लगीं थीं, वो चुपचाप मरे होने का नाटक करते हुए चुपचाप पड़े रहे, लेकिन पाकिस्तानी ने उन्हें 3 और गोलियां मारीं लेकिन दिलेर योगेंद्र हिले तक नहीं, पाकिस्तानियों ने 15 गोली योगेंद्र के सीने पर मारी और वो आए बढ़ गए। 

आपको जानकार हैरानी होगी कि टाइगर हिल पर चढ़ाई के दौरान योगेंद्र के कपड़े फट गए थे, उन्होंने अपना पर्स पीछे वाली जेब से निकालकर सीने के करीब वाली जेब में रख लिया था, जब पाकिस्तानियों ने उन्हें 15वीं गोली मारी तो वो उनके पर्स में रखे 5 रुपये के सिक्के से टकरा गई। ये सुनने में किसी फिल्मी कहानी जैसे जरूर लगे लेकिन योगेंद्र पर उस वक्त भी वहां तिरंगा फहराने का जूनून सवार था। उन्होंने वहां मौजूद तीन पाकिस्तानी सैनिकों पर ग्रेनेड से वार किया, जिसमें तीनों के चिथड़े उठ गए। इसके बाद भारतीय सेना के वीर जवानों ने इस चोटी पर कब्जा कर लिया।

योगेंद्र यादव भारतीय सेना के उन वीर जवानों में से एक हैं, जिन्हें जीवित रहते हुए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। इस वक्त भी योगेंद्र यादव भारतीय फौज में सेवाए दे रहे हैं और वो सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं। उनकी वीरता के आगे इंडिया टीवी नतमस्तक है। 

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