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जानिए क्या होती है X, Y, Z और Z प्लस सुरक्षा, किसमें कितने सुरक्षाकर्मी

भारत में नेताओं, अधिकारियों या किसी शख्स के सुरक्षा खतरों को देखते हुए उन्हें सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। खतरों को देखते हुए ही एक्स, वाई या जेड और जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया जाता है।

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय भाजपा सांसद और बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल की सुरक्षा बढ़ाई गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सनी देओल को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है, यानी अब उनके साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों की टीम मौजूद रहेगी। सनी देओल को जो Y श्रेणी की सुरक्षा मिली है अब उनके साथ 11 जवान रहेंगे, इसके अलावा दो PSO भी मौजूद रहेंगे। सनी देओल बीजेपी से पंजाब के गुरदासपुर से सांसद है। सनी देओल की सुरक्षा ऐसे समय बढ़ाई गई है जब पंजाब के किसान पिछले तीन सप्ताह से कृषि बिल के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में कुछ लोगों ने सनी देओल की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाए थे। बाद में उन्होंने बयान जारी कर कहा था कि उनकी सरकार हमेशा किसानों के हक में फैसला लेती है, सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार है और वो किसानों के साथ हैं।

बता दें कि भारत में नेताओं, अधिकारियों या किसी शख्स के सुरक्षा खतरों को देखते हुए उन्हें सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। खतरों को देखते हुए ही एक्स, वाई या जेड और जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया जाता है। भारत में 4 तरह की सुरक्षा कैटेगरी है जिसमें X, Y, Z और Z प्लस सुरक्षा कैटेगरी होती है और इसमें Z प्लस कैटेगरी सबसे बड़ी सुरक्षा कैटेगरी होती है। इन लोगों की सुरक्षा पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। इस तरह की सुरक्षा पाने वाले अधिकांश लोग केंद्र सरकार के मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीश, मशहूर राजनेता और कुछ सीनियर ब्यूरोक्रेट्स होते हैं।

आइए जानते हैं किस कैटेगरी में कितने सुरक्षाकर्मी होते हैं-

1. X कैटेगरी सुरक्षा- इसमें महज 2 सुरक्षाकर्मी (कमांडो शामिल नहीं) शामिल होते हैं। यह बेसिक प्रोटेक्शन है और इसमें एक पीएसओ (पर्सनल सिक्यूरिटी ऑफिसर) भी होता है। देश के 65 से ज्यादा लोगों को X कैटेगरी सुरक्षा मिली हुई है।

2. Y कैटेगरी सुरक्षा- इसमें देश के वो वीआईपी लोग आते हैं जिनको इसके तहत 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं। इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं।

3. Z कैटेगरी सुरक्षा- इस स्तर की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के 4 या 5 कमांडर भी होते हैं। अतिरिक्त सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ की ओर से मुहैया कराई जाती है। सुरक्षा में एक एस्कॉर्ट कार भी शामिल होती है। कमांडोज सब मशीनगन और आधुनिक संचार के साधनों से लैस रहते हैं। इसके अलावा इन्हें मार्शल ऑर्ट से प्रशिक्षित किया जाता है। इनके पास बगैर हथियार के लड़ने का भी अनुभव होता है।

4. Z + कैटेगरी सुरक्षा- इसमें 36 सुरक्षाकर्मी लगे होते हैं जिसमें एनएसजी के भी 10 कमांडोज होते हैं। इस सुरक्षा व्यवस्था को दूसरी एसपीजी कैटेगरी भी कहा जाता है। ये कमांडोज अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। उनके पास लेटेस्ट गैजेट्स और यंत्र होते हैं। सुरक्षा के पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है, इसके बाद दूसरे स्तर पर एसपीजी के अधिकारी होते हैं। साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान उनकी सुरक्षा में लगाए जाते हैं।

SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप)- इन 4 कैटेगरी सुरक्षा के अलावा एसपीजी एक विशिष्ट सुरक्षा व्यवस्था है जिसके तहत देश के वर्तमान और पूर्व प्रधानमंत्रियों के अलावा उनके करीबी परिजनों को यह सुरक्षा दी जाती है।

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