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Hindi News भारत राष्ट्रीय जानें, कैसे घाटी में इंटरनेट बंद होने के बावजूद एक-दूसरे के संपर्क में हैं आतंकी; पाक फैला रहा फर्जी वीडियो

जानें, कैसे घाटी में इंटरनेट बंद होने के बावजूद एक-दूसरे के संपर्क में हैं आतंकी; पाक फैला रहा फर्जी वीडियो

इस तरह के प्लैटफॉर्म्स जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा एजेंसिंयों और अधिकारियों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं।

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नई दिल्ली: कश्मीर घाटी में इंटरनेट बंद होने के बावजूद पाकिस्तान से कश्मीर के फर्जी वीडियो जारी किए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए हो पा रहा है क्योंकि अलगाववादियों के साथ ही स्थानीय आतंकवादियों के साथ उनका संचार चैनल विभिन्न ऑफलाइन ऐप्स और हाई-एनक्रिप्टेड एनॉनमस चैट प्लैटफॉर्म टॉर के माध्यम से खुला है। इस तरह के प्लैटफॉर्म्स जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा एजेंसिंयों और अधिकारियों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। टॉर दुनिया भर के आंतकवादियों के नेटवर्क और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों में लोकप्रिय है। टॉर लोगों के लोकेशन की जानकारी लेने या उनकी ब्राउजिंग हैबिट्स की जासूसी करने से रोकता है।

घाटी में पूरी तरह बंद हैं इंटरनेट सेवाएं
Tor विंडोज, मैक, लिनक्स और ऐंड्रॉयड के लिए उपलब्ध है। टॉर का प्रयोग प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा करने में किया जाता है, क्योंकि इसमें सरकार के साइबर सेल से पकड़े जाने का खतरा नहीं होता है। यह वेबसाइटों का विजिट करने पर थर्ड पार्टी ट्रैकर्स और एड को यूजर्स तक पहुंचने नहीं देता है। भारत सरकार ने घाटी में टेलीफोन और इंटरनेट नेटवर्क को पूरी तरह से बंद कर रखा है, लेकिन लोगों को पास इस बंदी में संचार करने के कई तरीके हैं। चिंताजनक बात यह है कि 'ऑफ-द-ग्रिड' ऐप से लोग एक-दूसरे से बिना मोबाइल नेटवर्क के वाईफाई या ब्लूटूथ के माध्यम से 100-200 मीटर की रेंज में संपर्क कर सकते हैं। यह आईओएस और एंड्रायड के लिए उपलब्ध वॉकीटॉकी ऐप जैसा ही है।

ऑफलाइन ऐप्स आतंकियों के लिए मददगार तो सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं | Pixabay Representational

बिना इंटरनेट या मोबाइल कवरेज के कर सकते हैं कॉन्टैक्ट
यह फेसबुक या वॉट्सऐप की तरह है, लेकिन इसमें केंद्रीय सर्वर नहीं है और मेश नेटवर्क चैट की तरह काम करता है। www.geckoandfly.com की रिपोर्ट में कहा गया, ‘मेश नेटवर्क तभी काम करता है, जब दो या अधिक स्मार्टफोन्स एक दूसरे की रेंज में होते हैं। यह दूरी या कवरेज स्मार्टफोन के सिग्नल की मजबूती पर निर्भर करता है। यह एक से दूसरे मॉडल में अलग-अलग हो सकता है, जो कि सामान्यत: दो स्मार्टफोन्स के बीच 100 फीट होती है।’ FireChat एक और नया ऐप है, जो यूजर्स को बिना इंटरनेट या मोबाइल कवरेज के आपस में संचार करने में सक्षम बनाती है। यह लोगों को एक-दूसरे से जोड़कर दुनिया के किसी भी हिस्से में संचार करने में सक्षम बनाती है।

जानें, कैसे काम करते हैं ये ऐप्स
FireChat ऐप ब्लूटूथ के माध्यम से नजदीकी फोन्स को जोड़ता है, जिन्होंने ऐप इंस्टॉल कर रखा है। इससे लोग आसानी से निजी फोन कॉल कर सकते हैं, टेक्स्ट मैसेज भेज सकते हैं और फाइलों को भी साझा कर सकते हैं। सिगनल ऑफलाइन मैसेंजर ऐसा ही एक वाईफाई डायरेक्ट आधारित ऐप है, जिससे लोग इंटरनेट या नेटवर्क के बिना 100 मीटर की दूरी तक संपर्क कर सकते हैं। Vojer ऐप एक फोन से सीधे दूसरे फोन में एनक्रिप्टेड मैसेज डिलिवर करता है। इस ऐप की मदद से लोग पहाड़ों या उन स्थानों में कनेक्टेड हो सकते हैं, जहां किसी तरह का मोबाइल कवरेज नहीं है। (IANS)

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