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Hindi News भारत राष्ट्रीय चीन की वन बेल्ट-वन रोड को PM मोदी का करारा जवाब, बताया इंडो-अफ्रीकन कॉरिडोर प्लान

चीन की वन बेल्ट-वन रोड को PM मोदी का करारा जवाब, बताया इंडो-अफ्रीकन कॉरिडोर प्लान

भारत की तरफ से यह मुद्दा ऐसे समय उठाया गया है जब चीन ने अरबों डालर की वन बेल्ट वन रोड (OBOR) योजना की पहल की है। यह परियोजना चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग की पसंदीदा योजनाओं में है। इसके जरिये यूरोप-एशिया भूभाग को हिन्द्-प्रशांत समुद्री मार्ग से जोड़न

Narendra_Modi- India TV Hindi Image Source : PTI Narendra_Modi

गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जापान और भारत के समर्थन से एशिया- अफ्रीका विकास गलियारा बनाये जाने पर जोर दिया। चीन की महत्वकांक्षी वन बेल्ट, वन रोड पहल के कुछ ही दिन बाद प्रधानमंत्री की तरफ से यह आह्वान किया गया है। मोदी ने कहा, भारत की अफ्रीका के साथ भागीदारी सहयोग के मॉडल पर आधारित है। यह अफ्रीकी देशों की जरूरतों के अनुरूप है। प्रधानमंत्री ने यहां अफ्रीकी विकास बैंक समूह की 52वीं वार्षिक आम बैठक का उद्घाटन करने के मौके पर यह बात कही। यह बैठक भारत में पहली बार हो रही है। अफ्रीका और एशियाई देशों के बीच आर्थिक वृद्धि का गलियारा बनाये जाने पर जोर देते हुये उन्होंने कहा कि उनकी हाल की जापान यात्रा के दौरान इस बारे में बातचीत हुई थी। (ये भी पढ़ें: भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा स्टेनलेस स्टील उत्पादक बना, जापान को पछाड़ा)

भारत की तरफ से यह मुद्दा ऐसे समय उठाया गया है जब चीन ने अरबों डालर की वन बेल्ट वन रोड (OBOR) योजना की पहल की है। यह परियोजना चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग की पसंदीदा योजनाओं में है। इसके जरिये यूरोप-एशिया भूभाग को हिन्द्-प्रशांत समुद्री मार्ग से जोड़ने का कार्यक्रम है। मोदी ने कहा, मेरी जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री शिंजो अबे के साथ मेरी बैठक में, मैं प्रसन्नता के साथ यह कहना चाहूंगा कि हमारे संयुक्त घोषणापत्र में हमने एशिया-अफ्रीका विकास गलियारा को भी शामिल किया था और इसके लिये हमारे अफ्रीका के भाईयों एवं बहिनों के साथ आगे बातचीत का प्रस्ताव रखा गया था।

मोदी ने कहा कि इस विकास गलियारे को आगे कैसे बढ़ाया जायेगा इसके लिये भारत और जापान के शोध संस्थानों ने अफ्रीकी शोध संस्थाओं के साथ विचार विमर्श कर इसके लिये दृष्टिकोण दस्तावेज तैयार किया है। उन्होंने कहा कि इस दृष्टिकोण पत्र को बाद में बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पीछे यही विचार है कि भारत, जापान और दूसरे भागीदारी कौशल, ढांचागत सुविधाओं, विनिर्माण और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में संयुक्त तौर पर की जाने वाली पहल के लिये आगे आयें। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि के मामले में अफ्रीका को भारत की प्राथमिकता सूची में सबसे शीर्ष पर रखा गया है।

मोदी ने 3,000 प्रतिनिधियों जिनमें ज्यादातर अफ्रीकी देशों से यहां पहुंचे हैं, की उपस्थिति में कहा, वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के बाद मैंने भारत की विदेश और आर्थिक नीतियों के मामले में अफ्रीका को शीर्ष प्राथमिकता दी है। बैठक में कई अफ्रीकी देशों के वरिष्ठ अधिकारी और शीर्ष नेता भी पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा कि अफ्रीका में निवेश करने वाला भारत पांचवां बड़ा निवेशक है। भारत ने पिछले 20 साल के दौरान अफ्रीका में 54 अरब डालर का निवेश किया है। पिछले 15 साल के दौरान अफ्रीका-भारत का व्यापार कई गुणा बढ़ गया है। पिछले पांच साल के दौरान यह दोगुना होकर 2014-15 में 72 अरब डालर पर पहुंच गया।

मोदी ने इस अवसर पर भारत और अफ्रीका के बीच सदियों पुराने सहयोग को भी याद किया। उन्होंने विशेषकर भारत के पश्चिमी राज्यों जैसे गुजरात का अफ्रीकी देशों के साथ व्यापारिक समुदायों के सहयोग का भी जिक्र किया।

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