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Hindi News भारत राष्ट्रीय प्रशांत भूषण का अवमानना मामले में माफी मांगने से इंकार, केंद्र ने किया सजा न देने का आग्रह

प्रशांत भूषण का अवमानना मामले में माफी मांगने से इंकार, केंद्र ने किया सजा न देने का आग्रह

प्रशांत भूषण ने अवमानना मामले में दोषी पाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। प्रशांत भूषण ने कहा कि वो इस मामले में सजा से नहीं डर रहे और उन्हें अदालत की दया या उदारता की दरकार नहीं है, उन्हें जो भी सजा दी जाएगी वो मंजूर है।

Prashant Bhushan contempt of court hearing in Supreme Court- India TV Hindi Image Source : PTI Prashant Bhushan contempt of court hearing in Supreme Court

नई दिल्ली: प्रशांत भूषण ने अवमानना मामले में दोषी पाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। प्रशांत भूषण ने कहा कि वो इस मामले में सजा से नहीं डर रहे और उन्हें अदालत की दया या उदारता की दरकार नहीं है, उन्हें जो भी सजा दी जाएगी वो मंजूर है। वहीं केंद्र ने अदालत से भूषण को किसी भी तरह की सजा न देने का आग्रह किया। जिसपर अदालत ने कहा कि जब तक वे (प्रशांत भूषण) माफी नहीं मांगते तब तक वो अटॉर्नी जनरल के अनुरोध पर विचार नहीं कर सकते।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट हमेशा उनके लिए निष्पक्ष रहा है, लेकिन क्या वह कोर्ट के प्रति निष्पक्ष हैं ये हम नहीं जानते। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने भूषण का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ एडवोकेट दुष्यंत दवे से कहा, "हम आपके लिए हमेशा निष्पक्ष रहे हैं। हमें नहीं पता कि आप हमारे लिए निष्पक्ष हैं या नहीं।"

पीठ ने दवे से कहा कि अगर भूषण को अवमानना का दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई जाती है, तो उन्हें तब तक सजा नहीं होगी, जब तक कि वह 14 अगस्त के फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर नहीं करते हैं, और यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किया गया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस 14 अगस्त को भूषण को दो ट्वीट के माध्यम से न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का दोषी ठहराया था, हालांकि बाद में ट्विटर ने उन्हें हटा दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह आपराधिक अवमानना के लिए दोषी ठहराए जाने की सजा के खिलाफ उनकी समीक्षा याचिका पर फैसला सुनाने के लिए भूषण की याचिका का इंतजार करने को लेकर उत्सुक नहीं है। पीठ ने कहा कि सजा सुनाने के बाद ही फैसला पूरा होगा।

सुनवाई के दौरान भूषण ने महात्मा गांधी की पंक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि वह दो ट्वीट्स के लिए माफी नहीं मांगेंगे और उन्हें जो सजा दी जाएगी उसे खुशी से स्वीकार करेंगे। भूषण ने कहा "कोर्ट जिसे अपराध मान रहा है, मैं उसे अपना सच्चा कर्तव्य मानता हूं, उसके लिए किसी भी तरह का दंड देना चाहें, तो दे सकते हैं।"

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