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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma Blog: 'भय बिनु होय न प्रीति', पाकिस्तान अभी भी भरोसे के काबिल नहीं है

Rajat Sharma Blog: 'भय बिनु होय न प्रीति', पाकिस्तान अभी भी भरोसे के काबिल नहीं है

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दस साल पहले ' आप की अदालत ' में जो कहा था, उसे पूरा कर दिखाया। पाकिस्तान को उसी की भाषा में समझाया, लव लैटर नहीं लिखा ।

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पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को शुक्रवार रात 9 बजकर 21 मिनट पर वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंप दिया, लेकिन मानवीयता से भरे इस दिखावे के कदम से पहले उसने जबरन अभिनन्दन का एक वीडियो जारी किया। यह वीडियो उनपर काफी दबाव डालकर बनाया गया। इसमें  अभिनंदन पाकिस्तानियों के सलूक की 'तारीफ' करते दिखाये गए हैं। इस वीडियो में अभिनन्दन को भारतीय मीडिया की आलोचना करते दिखाया गया है। पाकिस्तानी सेना द्वारा सस्ते प्रचार के लिए अपनाया गया ये घटिया हथकंडा था। इस वीडियो में बीस से ज्यादा कट लगे हैं। यह वीडियो कई टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है। 
 
पाकिस्तानी लड़ाकू विमान एफ-16 को मार गिरानेवाले शूरवीर पायलट की वापसी का जब पूरा भारत हर्षोल्लास के साथ स्वागत कर रहा है और उसके जज़्बे को सलाम कर रहा है, वहीं अब जंग जैसे हालात में पाकिस्तान के मंसूबों पर सवाल उठने लगे हैं।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दस साल पहले ' आप की अदालत ' में जो कहा था, उसे पूरा कर दिखाया। पाकिस्तान को उसी की भाषा में समझाया, लव लैटर नहीं लिखा । अब पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर सबक सिखाया और मारा। एक बार नहीं, दो-दो बार। आज मुझे दिनकर की एक कविता याद आ रही है....

"क्षमाशील हो रिपु समक्ष, तुम हुए विनीत जितना ही,
 दुष्ट कौरवों ने तुमको कायर समझा उतना ही,
 सच पूछो तो शर में ही बसती दीप्ति विनय की, 
संधि वचन संपूज्य उसी का, जिसमें शक्ति विजय की। "

इस कविता में दिनकर आगे लिखते हैं - " क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो, उसको क्या जो दंतहीन,विषहीन, विनीत, सरल हो।" 
इसका अर्थ - शत्रु के सामने अगर आप क्षमाशील हुए, दयावान बने, नम्रता से पेश आए तो वो तुमको कायर समझेगा। सच कहा जाए तो तीर की नोंक में ही दयालुता की रोशनी बसती है ।दोस्ती में, समझौते में उसी की बात का वजन होता है जिसमें जीतने की ताकत होती है। क्षमा वो करे जिसके पास ताकत हो। वो क्या माफ करेगा जिसके पास कोई ताकत ही नहीं। 

रामचरित मानस में तुलसीदास जी ने यह लिखा था |
"विनय न मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीति , 
बोले राम सकोप तब भय बिनु होय न प्रीति।"

रामचन्द्र समुद्र के किनारे बैठकर सागर देवता से रास्ता देने के लिए प्रार्थना करते रहे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। तीन दिन बाद जब गुस्से में भगवान राम ने धनुष उठाया, तो समुद्र कांप उठा, सामने आ गया और हाथ जोड़कर श्रीराम को लंका पर चढ़ाई के लिए रास्ता देने को तैयार हो गया। 

ये सारी बातें पाकिस्तान पर लागू होती हैं। अब तक पाकिस्तान आंतकवादी हमले करवाता था। हम आतंकवाद खत्म करने की अपील करते थे। अब पुलवामा में हमला हुआ, तो हमने पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मारा। अब पाकिस्तान अमन की बातें करने लगा। लेकिन मैं फिर कहूंगा कि दुश्मन के साथ नम्रता दिखाने, दया दिखाने, उसे माफ करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान न भरोसे के लायक था, न भरोसे के लायक है, और न भरोसे के लायक होगा और इस बात को नरेंद्र मोदी अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने यह करके दिखाया। देश को आज नरेंद्र मोदी को, हमारी फौज को सलाम करना चाहिए और हमेशा-हमेशा के लिए अपनी सेना के इस काम को याद रखना चाहिए।  (रजत शर्मा)

देखें, आज की बात रजत शर्मा के साथ, 1 मार्च 2019 का पूरा एपिसोड

 

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