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Hindi News भारत राजनीति शाही ईदगाह के सर्वे वाले आदेश से खफा हुए औवैसी, कहा- कानून और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बन रहा

शाही ईदगाह के सर्वे वाले आदेश से खफा हुए औवैसी, कहा- कानून और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बन रहा

हिंदू पक्ष बीते लंबे समय से कहते रहे हैं कि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली ईदगाह मस्जिद के नीचे मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिंदू मंदिर है। अब कोर्ट ने मस्जिद परिसर के सर्वे का आदेश दे दिया है।

शाही ईदगाह के सर्वे वाले आदेश से खफा हुए औवैसी।- India TV Hindi Image Source : FILE शाही ईदगाह के सर्वे वाले आदेश से खफा हुए औवैसी।

मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने ईदगाह कमेटी और वक्फ बोर्ड की दलीलों को खारीज करते हुए शाही ईदगाह के परिसर के सर्वे को भी मंजूरी दे दी है। हिंदू पक्ष की ओर से इसे अपनी जीत के तौर पर देखा जा रहे है तो वहीं, सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर काफी नाराजगी जताई है। आइए जानते हैं कि उन्होंने इस फैसले पर क्या कुछ कहा।

कोई नया गुट विवादों को उछाल रहा- ओवैसी

AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- "इलाहाबाद HC ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति दे दी है। मैंने कहा था कि बाबरी मस्जिद फैसले के बाद संघ परिवार की शरारतें बढ़ेंगी। यह तब हो रहा है कि जब पूजा स्थल अधिनियम ऐसी मुकदमेबाजी पर रोक लगाता है।" ओवैसी ने कहा कि मथुरा विवाद दशकों पहले मस्जिद समिति और मंदिर के ट्रस्ट के बीच आपसी सहमति से सुलझाया गया था। चाहे वह काशी हो, मथुरा हो या लखनऊ की टीले वाली मस्जिद, इन विवादों को एक नया गुट उछाल रहा है। 

कानून और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना दिया- ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम अभी भी लागू कानून है। लेकिन इस नए गुट ने कानून और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना दिया है। उन्होंने सवाल किया कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर 9 जनवरी को सुनवाई करनी थी, तो ऐसी क्या जल्दी थी कि सर्वे का आदेश देना पड़ा? उन्होंने कहा कि कानून अब कोई मायने नहीं रखता। मुसलमानों से उनकी गरिमा लूटना ही अब एकमात्र लक्ष्य है। 

18 दिसंबर को एडवोकेट कमीशन की रूपरेखा तय होगी

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि यह ऐतिहासिक फैसला है। हाईकोर्ट ने आज इस बात की मंजूरी दे दी है कि शाही ईदगाह परिसर का सर्वे होगा। यह सर्वे एडवोकेट कमीशन के द्वारा किया जाएगा। एडवोकेट कमीशन में  कितने लोग होंगे.. कब यह कमीशन सर्वे करने जाएगा, इसकी रूपरेखा 18 दिसंबर को कोर्ट तय करेगा। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने आवेदन में यह दलील दी थी कि शाही ईदगाह मस्जिद में कई ऐसे बहुत से प्रतीक और चिन्ह हैं जिससे यह पता चलता है कि गलत ढंग से मंदिर परिसर में प्रवेश कर मस्जिद का निर्माण किया गया है।

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