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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के रिश्तेदारों को बड़ी राहत, कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाई

बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के रिश्तेदारों को बड़ी राहत, कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाई

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की पत्नी के भाइयों, अनवर शहजाद और सरजील रजा की गिरफ्तारी पर मंगलवार को रोक लगा दी।

Mukhtar Ansari relatives, Mukhtar Ansari relatives Allahabad High Court, Mukhtar Ansari- India TV Hindi Image Source : PTI REPRESENTATIONAL इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की पत्नी के भाइयों, अनवर शहजाद और सरजील रजा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की पत्नी के भाइयों, अनवर शहजाद और सरजील रजा की गिरफ्तारी पर मंगलवार को रोक लगा दी। इन दोनों के खिलाफ गाजीपुर के कोतवाली पुलिस थाने में गैंगस्टर कानून के तहत मामला दर्ज है। संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया लेकिन पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एस. के. पचौरी की पीठ ने अनवर शहजाद और सरजील रजा द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया।

कोर्ट ने FIR रद्द करने से इनकार किया
याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि वर्ष 2019 में जमीन हड़पने के 2 मामलों में झूठमूठ के उनका नाम शामिल किया गया जिसके बाद 11 सितंबर, 2020 को उनके खिलाफ गैंगस्टर कानून की धारा 2/3 (1) के तहत गाजीपुर के कोतवाली पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी में आरोप है कि याचिकाकर्ताओं का एक गिरोह है जिसमें उनके अलावा आफसा अंसारी भी शामिल है और ये लोग जमीन हड़पने में शामिल हैं और बेनामी सौदों के जरिए चल एवं अचल संपत्ति हासिल करने में शामिल रहे हैं। संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने से इनकार कर दिया।

कोर्ट ने मामले की जांच पर भी रोक नहीं लगाई
अपने आदेश में कोर्ट ने कहा, ‘FIR में बेनामी सौदों के जरिए चल-अचल संपत्ति हासिल करने के लिए गिरोह बनाने का आरोप है जिसकी जांच जरूरी है। इसलिए FIR रद्द करने का याचिकाकर्ताओं का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जा सकता।’ कोर्ट ने इस मामले की जांच पर रोक नहीं लगाई, लेकिन पुलिस रिपोर्ट दाखिल किए जाने तक याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाकर उन्हें राहत प्रदान की। कोर्ट ने कहा, ‘याचिकाकर्ताओं के खिलाफ जिन 2 मामलों का हवाला दिया गया है, FIR में उनके नाम नहीं थे और पूरक आरोपपत्र के जरिए उनके नाम जोड़े गए हैं।’ (भाषा)

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