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25000 रुपए देकर करवाना पड़ा पत्नी का अंतिम संस्कार, श्मशान घाट में लोगों को लूटा जा रहा

अभी तक आपने ऑक्सीजन और दवाई की कालाबाजारी सुनी होगी लेकिन अब शमशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए जबरन वसूली का भी मामला सामने आया है।

25000 रुपए देकर करवाना पड़ा पत्नी का अंतिम संस्कार, श्मशान घाट में लोगों को लूटा जा रहा- India TV Hindi Image Source : PTI 25000 रुपए देकर करवाना पड़ा पत्नी का अंतिम संस्कार, श्मशान घाट में लोगों को लूटा जा रहा

गाजियाबाद। अभी तक आपने ऑक्सीजन और दवाई की कालाबाजारी सुनी होगी लेकिन अब शमशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए जबरन वसूली का भी मामला सामने आया है। एक व्यक्ति को अपनी पत्नी की अंतिम संस्कार करने के लिए 25700 रुपए खर्च करने पड़े। महामारी आपदा के बीच कुछ लोगों ने मजबूर लोगों से पैसे कमाने का जरिया बना लिया है। अस्पतालों में बेड नहीं हैं, लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है और इस बीच मौत होने के बाद शमशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। अंतिम संस्कार कराने के लिए भी लोगों को मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है। 

गाजियाबाद के शास्त्री नगर स्थित श्मशान घाट पर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की अंतिम संस्कार के लिए 25700 रुपए खर्च करने पड़े। गाजियाबाद के वैशाली निवासी राजीव कुमार  श्रीवास्तव की पत्नी रीति 41 वर्ष की 27 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आयी, जिसके बाद उनकी तबीयत करीब 12:30 बजे खराब होनी शुरू हो गयी। ऑक्सीजन की कमी की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जद्दोजहद में जुटे राजीव अपनी पत्नी को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल लेकर पहुंचे लेकिन वहां एडमिशन नहीं हो पाया, उसके बाद दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल लेकर गए। वहां से भी डॉक्टर्स ने उन्हें बेड न होने का हवाला देकर वापस लौटा दिया। जिसके बाद राजीव गाजियाबाद के इंदिरापुरम गुरुद्वारे में चल रहे ऑक्सीजन लंगर में पहुंचे और वहां पर अपनी पत्नी को ऑक्सीजन का सपोर्ट दिया। लेकिन तब तक उनकी हालत ज्यादा बिगड़ चुकी थी, गंभीर हालत को देख लोगों ने हॉस्पिटल ले जाने का सुझाव दिया। शाम तकरीबन 4:00 बजे वैशाली स्थित मैक्स हॉस्पिटल लेकर पहुंचे जहां पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

इलाज के अभाव में हुई पत्नी की मौत के बाद राजीव का संघर्ष खत्म नहीं हुआ उन्होंने पत्नी के शव को अंतिम संस्कार करने के लिए हिंडन शमशान घाट पहुंचे जहां पर जगह नहीं मिली, उसके बाद इंदिरापुरम स्थित श्मशान घाट पर पहुंचे, वहां भी जगह नहीं मिली। उसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों से मदद मांगी तब लोगों ने सुझाव दिया कि नगर निगम के द्वारा संचालित शास्त्री नगर में स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जा सकता है।

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राजीव अपनी पत्नी का शव गाड़ी में डाल कर अपने बेटे के साथ शास्त्री नगर शमशान घाट पर पहुंचे, जहां पर उन्हें चार लड़के मिले, जिन्होंने अंतिम संस्कार कराने के लिए पहले 15000 रुपए की मांग की। पैसे दे दिए जाने के बाद उन्होंने बोला कि कोरोना संक्रमित शव है इसलिए 6000 रुपए और लगेंगे। राजीव ने वह भी पैसे दे दिए। हैरानी तब हुई जब चिता सजाने से पहले ठीक इन सभी लड़कों ने 5000 रुपए की और डिमांड की, जिसको लेकर राजीव के साथ सहयोग करने पहुंचे बी के पांडे ने विरोध किया। वहां मौजूद लड़कों ने पैसे लिए बिना अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया, ऐसे में राजीव के पास कोई चारा नहीं था। उन्होंने 4000 रुपए और देकर अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करवाया। 

वैशाली निवासी बी के पांडेय ने बताया कि राजीव का पत्नी का 25700 रुपए देकर अंतिम संस्कार किया गया। इस पूरे मामले का बी के पांडेय ने वीडियो भी बनाया। तब सभी लड़के वहां से भाग निकले। पांडेय ने सोशल मीडिया के जरिए नगर निगम, स्थानीय प्रशासन और पुलिस से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई  है, जिसकी वजह से शास्त्री नगर शमशान घाट पर पैसों की वसूली बदस्तूर जारी है। नंदग्राम निवासी वीरेंद्र ने बताया कि 26 अप्रैल को उनके भाई की पत्नी इंदु देवी की मौत हो गयी थी। कहीं जगह न मिलने पर शास्त्रीनगर स्थित शमशान घाट पर शाम के समय अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे। खुद से एक रजिस्टर पर एंट्री किया और बाहर से 5500 सौ रुपए की लड़की खरीदी। लेकिन अंतिम संस्कार करने से पहले एक लड़का वहां पहुंचा और 1100 रुपए की मांग किया। पैसे देने से मना करने पर गली गलौज करने लगा, जिसके बाद मजबूरी में दूसरे से उधार लेकर 1100 रुपए दिए तब अंतिम संस्कार हो पाया।

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