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Hindi News जम्मू और कश्मीर अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ मामले में आर्मी के जवान की सजा पर लगी रोक, सशर्त जमानत भी मिली

अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ मामले में आर्मी के जवान की सजा पर लगी रोक, सशर्त जमानत भी मिली

अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ केस में आर्मी के एक कैप्टन को राहत मिली है। ट्रिब्यूनल ने आर्मी के कैप्टन को राहत देते हुए उसकी सजा रद्द कर दी है।

Jammu kashmir- India TV Hindi Image Source : PTI Representative Photo

कश्मीर की अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ मामले में आर्मी के जवान को आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल ने राहत प्रदान की है। दक्षिण कश्मीर के अमशीपोरा गांव में जुलाई 2020 में हुई "योजनाबद्ध" मुठभेड़ मामले में 3 लोगों की हत्या के दोषी पाए गए सेना के एक कैप्टन की उम्रकैद की सजा को आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल ने रद्द कर दी है। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने कैप्टन भूपेन्द्र सिंह को सशर्त जमानत भी दे दी और उन्हें अगले साल जनवरी से हर महीने के पहले सोमवार को अपने प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के सामने पेश होने का निर्देश दिया। 

"मामला अभी भी विचाराधीन"

कैप्टन सिंह से संपर्क करने पर उनके वकील मेजर (रिटायर्ड) सुधांशु एस पांडे ने मामले का डिटेल साझा करने से इनकार कर दिया और कहा कि मामला अभी भी विचाराधीन है। हालांकि, उन्होंने जमानत दिए जाने की कंफर्म किया और कहा कि बचाव पक्ष का रुख सही साबित हुआ है, जिसे समरी जनरल कोर्ट मार्शल (SGCM) ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था।

"लिखित आदेशों पर जोर देंगे"

पांडे ने कहा, “युवा ऑफिसर को इस तरह दोषी करार दिए जाने से देश की रक्षा करने वाले अन्य अधिकारियों पर हतोत्साहित करने वाला प्रभाव पड़ेगा। इससे एक असमंजस की स्थिति पैदा होगी, जिसमें युवा अधिकारी ऐसे सैन्य अभियानों में अधिकारियों का आदेश मानने के बजाय लिखित आदेशों पर जोर देंगे। मैं कानून का शासन कायम रखने के लिए सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।” 

क्या था मामला?

जानकारी दे दें कि ये मामला 18 जुलाई, 2020 को अमशीपोरा में हुई मुठभेड़ से जुड़ा हुआ है, इस मामले में राजौरी जिले के तीन लोग इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार की मौत हो गई थी और उन सभी को उस वक्त आतंकवादी बताया गया था।

(इनपुट-पीटीआई)

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