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ब्रोकली से करें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम, जानिए कैसे

ब्रोकली (हरी फूलगोभी) और सल्फोराफेन की उच्च मात्रा वाली सब्जियों के सेवन से प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा कम होता है। पुरुषों के बीच वैश्विक स्तर पर प्रोस्टेट कैंसर दूसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है।

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हेल्थ डेस्क: दुनिया में आज हर तीसरा व्यक्ति कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहा है। अबी तक इस इलाज का कोई भी दवा नहीं बन पाई है। जिससे इसका इलाज किया जा सके। कैंसर के मामले में अज्ञानता और लापरवाही हमारी जिंदगी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कई बार समय पर इलाज न कराने से यह बीमारी आपकी जान भी ले लेती है। इन्हीं में से एक कैंसर है प्रोस्टेट कैंसर। जिससे हर साल हजारों की मौंत हो जाती है। हाल में ही शोध कया गया जिसमें ये बात सामने आई कि ब्रोकली का सेवन करने से आप प्रोस्टेट कैंसर से कई हद तक खतरे को कम कर सकते है।

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ब्रोकली (हरी फूलगोभी) और सल्फोराफेन की उच्च मात्रा वाली सब्जियों के सेवन से प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा कम होता है। पुरुषों के बीच वैश्विक स्तर पर प्रोस्टेट कैंसर दूसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है।

निष्कर्षो से पता चलता है कि सल्फोराफेन हानिकारक कोशिकाओं की वृद्धि नए तरीके रोकने या कम करने में मददगार होता है। यह लंबे, गैर कोडिंग आरएनए (एलएनसीआरएनए)पर अपना प्रभाव दिखाता है। सल्फोराफेन ब्रोकली में पाया जाने वाला यौगिक है जो प्रोस्टेट कैंसर को रोकने में मददगार होता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रोस्टेट कैंसर में मानव कोशिकाओं में एलएनसीआरएनए के एक प्रकार पर नियंत्रण गड़बड़ हो जाता है। लेकिन इसे सल्फोराफेन से इसे कम किया जा सकता है।

अमेरिका के ओरेगोन स्टेट विश्वविद्यालय के शोध सहायक लुरा बेवर ने कहा, "शोध से पता चलता है कि सल्फोराफेन से इलाज पर एलएनसीआरएनए के स्तर को सामान्य कर सकता है।"

शोधकर्ताओं ने पाया कि एलएनसीआरएनए पर आहार के प्रभाव बड़े स्तर पर अब तक अज्ञात रहे हैं। इसका प्रकाशन पत्रिका 'न्यूट्रिशनल बायोकेमिस्ट्री' में किया गया है।

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