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लीची के कारण चमकी बुखार के शिकार हो रहे है बच्चें, जानें आखिर क्या है इसकी असली वजह

च राज्‍य सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कई अन्‍य हिदायदों के साथ लीची से सावधानी बरतने को कहा है।जानें लीची के बारें में सबकुछ।

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हेल्थ डेस्क: बिहार के मुजफ्फरपुर में रहस्‍यमय 'चमकी बुखार' का कहर बढ़ता ही जा रहा है। चमकी बुखार से अब तक 69 बच्चों की मौत हो चुकी है। शनिवार को यहांं के विभिन्‍न अस्‍पतालों में भर्ती 7 और बच्‍चों ने दम तोड़ दिया है। इस समय मुजफ्फरपुर में 100 से ज्यादा बच्चे इस बीमारी के चलते भर्ती हैं। इस बीच राज्‍य सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कई अन्‍य हिदायदों के साथ लीची से सावधानी बरतने को कहा है। एडवाइजरी के अनुसार बच्‍चों को खाली पेट लीची न खाने की सलाह दी गई है, इसके साथ ही कच्‍ची लीची से भी परहेज करने को कहा गया है।

जानें क्या है लीची से कनेक्शन
चमकी बुखार एक दिमागी बुखार है। इस जानलेवा बीमारी होने की असली वजह क्या है अभी तक ये बात सामने नहीं आईं है। वास्तव में शरीर में शुगर और सोडियम की कमी के कारण यह एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस ) फैल रहा है।

एक शोध में ये बात सामने निकल कर आई कि इस बीमारी का प्रमुख कारण लीची है। जिसके कारण यह बीमारी तेजी से फैल रही हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बीमारी की चपेट में आए इलाकों में जिन बच्चों ने रात का खाना स्किप किया है और लीची ज्यादा खा ली हो, उनके हाइपोग्लैसीमिया के शिकार होने का खतरा ज्यादा हो जाता है। लेकिन क्या लीची वाकई इतना खतरनाक फल है? नहीं, बिहार में जो बच्चे इसका सेवन करने से बीमारी के शिकार हुए, उनमें कुपोषण के लक्षण देखे गए।

विशेषज्ञों के अनुसार जिन बच्चों ने लीची खाने के बाद पानी कम पिया या काफी देर तक पानी पिया ही नहीं, उनके शरीर में सोडियम की मात्रा कम हो गई, जिसके चलते वो दिमागी बुखार के शिकार हो गए।

लीची में पाएं जाते है ये विषैले तत्व
6 साल पहले राज्य सरकार की एक टीम ने लीची को एक कुदरती जहर कहा जाता है। इसमें मिथाइलीन साइक्लो प्रॉपिल ग्लाइसीन(MCPG) है, जिसे आसान भाषा में हाइपोग्लाइसीन ए (hypoglycin A) के नाम से जाना जाता है। वह विषैला तत्व फैलता है।

लीची के फायदे
लीची को गुणों का भंडार भी कहा जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन्स, मैग्नीशियम, तांबा, आयरन के साथ-साथ फाइबर, पौटेशियम पाया जाता है। जो कि आपको डायबिटीज, अस्थमा, ब्लड प्रेशर, बुढापा, मोटापा के साथ-साथ पाचन संबंधी समस्या से निजात दिलाती है।

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