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सामान्य से दिखने वाले ये लक्षण होते हैं थाइरॉइड के संकेत, नजरंदाज न करें

इस तरह पहचानें कि आपको थाइरॉइड हुआ है या होने जा रहा है, ताकि समय रहते बचाव और इलाज किया जा सके।

Thyroid symptom and cure- India TV Hindi थॉइरॉइड के लक्षण औऱ उपचार

thyroid, कहने को तो आम बीमारी है लेकिन तनाव, अवसाद, नए जमाने की दिनचर्या, शरीर में आयोडीन की कमी के चलते ज्यादा लोग थाइरॉइड के शिकार होते जा रहे हैं। हालांकि थाइरॉइड की बीमारी आनुवांशिक भी होती है लेकिन व्यायाम की कमी और अनियमित खान पान के चलते भी थाइरॉइड के केस बढ़ रहे हैं। आमतौर पर यह बीमारी मर्दों की अपेक्षा महिलाओं को ज्यादा होती थी लेकिन अब इसके केस मर्दों में भी बढ़ते नजर आ रहे हैं। सवाल उठता है कि कैसे पहचानें कि आपको थाइरॉइड हुआ है या होने जा रहा है, ताकि समय रहते बचाव और इलाज किया जा सके। 

आइए जानते हैं वो सामान्य से लक्षण जिन्हें आप नजरंदाज कर देते हैं लेकिन वो थाइरॉइड की तरफ इशारा करते हैं। इससे पहले जानना जरूरी है कि थाइरॉइड दो प्रकार का होता है। पहला हाइपर थाइरॉइड और दूसरा हाइपो थायरॉइड । पहले हाइपर थाइरॉइड के लक्षण जानते हैं - 

  • व्यक्ति का वजन घटने लगता है। वो गर्मी में बेहाल हो जाता है, मतलब उसे ज्यादा गर्मी लगती है।
  • अक्सर गला सूखता रहता है और हमेशा प्यास महसूस होती रहती है।
  • रात को से नींद पूरी नहीं होती और दिन में भी उंनींदापन हावी रहता है।
  • वजन तेजी से गिरना शुरू हो जाता है।
  • बिना गर्मी के भी बहुत पसीना आता है और कभी कभी उत्तेजना के चलते काम करते वक्त हाथ कांपने लगते हैं।
  • ऐसे लोगों का दिल तेजी से धड़कने लगता है और एकाएक चक्कर आने लगते हैं।
  • इसके लक्षणों में कमजोरी भी एक अहम चीज है, कमजोरी के चलते बिस्तर से उठा नहीं जाता और नींद सी आती रहती है।

दूसरा टाइप है हाइपो थायरॉइड का, इसके संकेत इस तरह से होते हैं।

  • हर वक्त सुस्ती हावी रहती है।
  • शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों में लगातार दर्द बना रहता है। 
  • थकान के चलते कामकाज नहीं हो पाते। 
  • गले में और आस पास भारीपन रहता है। 
  • या तो वजन तेजी से बढ़ता है।
  • बाल रूखे और बेजान होकर ज्यादा गिरने लगते हैं. 
  • लगातार कब्ज बनी  रहने लगती है। 
  • हृदय गति यानी दिल धड़कने की गति धीमी हो जाती है। 
  • ऐसे लोगों को ज्यादा ठंड लगने लगती है।
  • त्वचा रूखी और फीकी होने लगती है।
  • महिलाओं के पीरियड्स का चक्र असंतुलित हो जाता है। कई बार मासिक समय से काफी देर से आते हैं। 
  • प्रेग्रेंसी कंसीव करने में दिक्कत आती है। कोशिशों के बावजूद गर्भ ठहर नहीं पाता। 

थायरॉइड हालांकि जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन इसके चलते व्यक्ति अन्य कई बीमारियों का शिकार हो जाता है और उसके शरीर का बुरा हाल हो जाता है। गर्भधारण करने में दिक्कत होती है औऱ शारीरिक प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित होती है। इसलिए अगर थायरॉइड की पुष्टि हो तो सबसे पहले दवा लेना आरंभ करें और फिर शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान लगाएं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और तनाव से दूर रहें।

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