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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Dev Deepawali 2020: 15 लाख दीयों के साथ आज काशी में मनाई जाएगी देव दीपावली, जानें इसके पीछे की मान्यता

Dev Deepawali 2020: 15 लाख दीयों के साथ आज काशी में मनाई जाएगी देव दीपावली, जानें इसके पीछे की मान्यता

देव दीपावली का ये उत्सव हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन काशी में धूमधाम से मनाया जाता है। जानें देव दीपावली मनाने के पीछे की कथा और मान्यता।

Dev Deepawali- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/SHEHRIGRAPHER Dev Deepawali

आज काशी में देर शाम सारे घाट दियों की रोशनी से जगमगा जाएंगे। जिसका दीदार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में ही हैं। देव दीपावली का ये उत्सव हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन काशी में धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता गण स्वर्ग से उतरकर दीपदान करने पृथ्वी पर आते हैं। इसी वजह से इस दिन को देव दीपावली के नाम से जाना जाता है। ये पर्व दीवाली के 15 दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन काशी नगरी में गंगा स्नान, पूजन, हवन और दीपदान का कार्यक्रम किया जाता है। इस सुंदर नजारे को देखने हर साल हजारों की संख्या में एकत्रित होते हैं। जानें देव दीपावली मनाने के पीछे की कथा और मान्यता। 

पहली कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध करके देवताओं को स्वर्ग वापस लौटाया था। तारकासुर के वध के बाद उसके तीनों पुत्रों ने देवताओं से बदला लेने का प्रण किया। यहां तक कि उन्होंने ब्रह्मा जी की तपस्या भी की और सभी ने एक एक वरदान मांगा। 

वरदान में मांगा कि जब ये तीनों नगर अभिजित नक्षत्र में एक साथ आ जाएं तब असंभव बाण से बिना क्रोध किए हुए कोई व्यक्ति ही उनका वध कर पाए। इस वरदान को पाए त्रिपुरासुर अमर समझकर लोगों को परेशान करने लगा। यहां तक कि उसने देवताओं को स्वर्ग से निकाल दिया। 

सभी परेशान देवता शिव जी के पास पहुंचे। तभी शिव जी ने काशी पहुंचकर सूर्य और चंद्र का रथ बनाकर अभिजित नक्षत्र में उनका वध कर दिया। इसी खुशी में काशी में देवता ने पहुंचकर दीपदान किया और दीपदान का उत्सव मनाया। 

दूसरी मान्यता
दूसरी पौराणिक मान्यता के अनुसार देव दीपावली को लेकर दूसरी मान्यता है कि देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चर्तुमास की निद्रा से जागते हैं और भगवान भोलेनाथ चतुर्दशी को। इस खुशी में देवी देवता काशी में आकर घाटों पर दीप जलाते हैं और खुशियां मनाते हैं। 

जानें इस बार कितने दीपक जलाए जाएंगे
देव दीपावली पर इस बार काशी के 84 घाटों को दीयों की रौशनी से सजाया जाएगा। 15 लाख से ज्यादा दीपक को जलाया जाएगा। इसके साथ ही कुंड, तालाबों में दीपदान किया जाएगा। काशी में देव दीपावली का मुख्य आयोजन राजघाट पर होगा जिसमें पीएम मोदी संग योगी आदित्यनाथ खास मेहमान होंगे। 

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