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पौष मास की हुई शुरुआत, जानें इस माह कौन-कौन से पड़ रहे हैं व्रत-त्योहार

पौष का पूरा महीना ही धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन कुछ प्रमुख व्रत व त्यौहार जो इस महीने में आते हैं। जिनके बारे में जानें आचार्य इंदु प्रकाश से।

Posh month vrat and festival- India TV Hindi Posh month vrat and festival

आज पौष कृष्ण पक्ष की उदया तिथि प्रतिपदा और शुक्रवार का दिन है। प्रतिपदा तिथि आज सुबह 9 बजकर 57 मिनट तक ही रहेगी| आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार आज से पौष महीने की शुरुआत हो गयी है| सनातन विक्रम संवत के अनुसार पौष वर्ष का दसवां महीना होता है| भारतीय महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं| जिस महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में रहता है उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के नाम  पर रखा गया है।  पौष का पूरा महीना ही धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन कुछ प्रमुख व्रत व त्यौहार जो इस महीने में आते हैं। जिनके बारे में जानें आचार्य इंदु प्रकाश से। 

13 दिसंबर, शुक्रवार
हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का दसवां माह पौष माह आज से शुरु हो रहा हैं। 

15 दिसंबर, रविवार
पौष कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानि 15 दिसंबर के दिन संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत किया जायेगा, साथ ही शाम 5 बजकर 59 मिनट पर शुक्राचार्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 8 जनवरी की सुबह 6 बजकर 35 मिनट तक यहीं रहेंगे | शुक्र के इस गोचर से विभिन्न राशि वालों को अलग-अलग फल मिलेंगे।

16 दिसंबर, सोमवार
खरमास शुरू हो जाएगा। जिसके साथ ही कोई भी शुभ काम करने की मनाही।

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19 दिसंबर, गुरुवार
इस दिव कालाष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन काल भैरव की पूजा अर्चना करने का विशेष दिन होता है।  

22 दिसंबर, रविवार
पौष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी का व्रत किया जाता है | बाकि एकादशियों की तरह इस दिन भी विष्णु भगवान की पूजा की जाती है | यह उपवास मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला तथा समस्त कार्यों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है | इसलिये इसे सफला एकादशी कहा जाता है |

23 दिसंबर, सोमवार

हर माह त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत पूर्णरुप से भगवान शिव पर समर्पित है। 

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26 दिसंबर, गुरुवार
पौष महीने की अमावस्या के दिन पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये उपवास रखने के साथ-साथ विशेष पूजा अर्चना की जाती है | इसके साथ ही इस दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है। 

28 दिसंबर, शनिवार
पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया यानि 28 दिसंबर को ‘आरोग्यव्रत’ किया जाता है | इस दिन गाय के सींगो को धोकर लिये हुए जल से स्नान करके, सफेद वस्त्र पहनकर, सूर्यास्त के बाद चन्द्रमा का धूप-दीप से पूजन करना चाहिए और पूरी रात चन्द्रमा की रोशनी में जमीन पर सोना चाहिए | साथ ही ब्राह्मण को गुड़, दही, खीर आदि का दान करना चाहिए |

इस प्रकार पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया से शुरू करके अगले एक वर्ष तक प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितिया को चन्द्र पूजन करके आखिरी महीने में गन्ने के रस से भरा घड़ा, वस्त्र, संभव हो तो आभूषण आदि अपनी श्रद्धानुसार ब्राह्मण को देकर, भोजन कराने से आरोग्य की प्राप्ति होती है|

29 दिसंबर, रविवार 
पौष महीने के शुक्ल पक्ष के तृतीय तिथि यानि 29 दिसंबर को सूर्यदेव पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जायेंगे, जिससे विभिन्न नक्षत्रों में जन्मे और विभिन्न नाम के अक्षर वाले लोगों को अलग-अलग फल प्राप्त होंगे |  अंग्रेजी नववर्ष काआगमन भी लगभग हर साल पौष महीने में ही होता है | 2020 की शुरुआत भी पौष महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि से होगी |

पौष महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को भी सूर्यदेव की उपासना के लिये विशेष हितकारी माना जाता है | इसे मार्तण्ड सप्तमी भी कहते हैं | इस दिन हवन करने और गोदान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है | 

3 जनवरी, शुक्रवार
इस वर्ष पौष महीने में 3 जनवरी से शुरू होकर 10 जनवरी तक शाकम्भरी देवी नवरात्र भी मनाये जायेंगे | शाकम्भरी देवी मां दुर्गा के अवतारों में से ही एक हैं | तंत्र मंत्र की साधना या किसी विशेष इच्छा की पूर्ति हेतु ये नवरात्र किये जाते हैं | इस दौरान किस तरह की पूजा-पाठ या उपाय करने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी।

5 जनवरी, रविवार
इनके अलावा 5 जनवरी को उड़ीसा में शाम्ब दशमी मनायी जायेगी | 

6 जनवरी, सोमवार
पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है, जिसे पुत्रदा एकादशी या वैकुण्ठ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है | संतान की इच्छा रखने वालों को ये व्रत अवश्य करना चाहिए | 

पौष पूर्णिमा इस महीने का बहुत ही पावन दिन माना जाता है | धार्मिक कार्यों, भजन-कीर्तन आदि के साथ स्नान-दान आदि के लिये भी यह दिन बहुत शुभ होता है | पौष पूर्णिका का उपवास रखने की भी धार्मिक ग्रंथों में मान्यता है|

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