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सबसे अमीर होने बावजूद गरीब है तिरुपति बालाजी, जानें इसके पीछे की प्राचीन कथा

आप सोच में पड़ गए कि ऐसा कैसे हो सकता है। इतना सोना और पैसे होने के बावजूद वह गरीब क्यों है। तो आप जानें आखिर क्या है इसकी वजह?

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धर्म डेस्क: आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर चढ़ावा के कारण हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। वह दुनिया में सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ाने वाला मंदिर माना जाता है। यानी की बालाजी स,बसे धनवान माने जाते है। एक आकड़े के अनुसार सालाना आमदनी 1,000 करोड़ रुपये से लेकर 1,200 करोड़ रुपये है। लेकिन फिर भी वह गरीब माने जाते है। जी हां आप सोच में पड़ गए कि ऐसा कैसे हो सकता है। इतना सोना और पैसे होने के बावजूद वह गरीब क्यों है। तो आप जानें आखिर क्या है इसकी वजह?

धनवान होते हुए भी इस कारण है बालाजी गरीब
भगवान तिरुपति जी के गरीब होने के पीछे एक प्राचीन कथा है। जिसके अनुसार कुबेर से उन्होंने कर्ज लिया था। जो कि कलियुग के अंत तक चुकाना है। जिसके कारण ही भक्तगण उन्हें सोना और धन भेट़ करते हैं।

प्राचीन कथा के अनुसार एक बार महर्ष‌ि भृगु बैकुंठ पधारे और आते ही शेष शैय्या पर योगन‌िद्रा में लेटे भगवान व‌िष्‍णु की छाती पर एक लात मारी। भगवान व‌िष्‍णु ने तुरंत भृगु के चरण पकड़ ल‌िए और पूछने लगे क‌ि ऋष‌िवर पैर में चोट तो नहीं लगी।

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भगवान व‌िष्‍णु का इतना कहना था क‌ि भृगु ऋष‌ि ने दोनों हाथ जोड़ ल‌िए और कहने लगे प्रभु आप ही सबसे सहनशील देवता हैं इसल‌िए यज्ञ भाग के प्रमुख अध‌िकारी आप ही हैं। लेक‌िन देवी लक्ष्मी को भृगु ऋष‌ि का यह व्यवहार पसंद नहीं आया और वह व‌िष्‍णु जी से नाराज हो गई। नाराजगी इस बात से थी क‌ि भगवान ने भृगु ऋष‌ि को दंड क्यों नहीं द‌िया।

नाराजगी में देवी लक्ष्मी बैकुंठ छोड़कर चली गई। भगवान व‌िष्‍णु ने देवी लक्ष्मी को ढूंढना शुरु क‌िया तो पता चला क‌ि देवी ने पृथ्‍वी पर पद्मावती नाम की कन्या के रुप में जन्म ल‌िया है। भगवान व‌िष्‍णु ने भी तब अपना रुप बदला और पहुंच गए पद्मावती के पास। भगवान ने पद्मावती के सामने व‌िवाह का प्रस्ताव रखा ज‌िसे देवी ने स्वीकार कर ल‌िया।
लेक‌िन प्रश्न सामने यह आया क‌ि व‌िवाह के ल‌िए धन कहां से आएगा।

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मां पार्वती से शादी के लिए लिया था कर्ज

व‌िष्‍णु जी ने समस्या का समाधान न‌िकालने के ल‌िए भगवान श‌िव और ब्रह्मा जी को साक्षी रखकर कुबेर से काफी धन कर्ज ल‌िया। इस कर्ज से भगवान व‌िष्‍णु के वेंकटेश रुप और देवी लक्ष्मी के अंश पद्मवती ने व‌िवाह क‌िया।

कुबेर से कर्ज लेते समय भगवान ने वचन द‌िया था क‌ि कल‌ियुग के अंत तक वह अपना सारा कर्ज चुका देंगे। कर्ज समाप्त होने तक वह सूद चुकाते रहेंगे। भगवान के कर्ज में डूबे होने की इस मान्यता के कारण बड़ी मात्रा में भक्त धन-दौलत भेंट करते हैं ताक‌ि भगवान कर्ज मुक्त हो जाएं।

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