A
Hindi News लाइफस्टाइल सैर-सपाटा बाजीराव-मस्तानी के शनिवार वाड़ा पर ये किसका है साया?

बाजीराव-मस्तानी के शनिवार वाड़ा पर ये किसका है साया?

हाल ही में रिलीज़ और हिट हुई बाजीराव मस्तानी फ़िल्म में शनिवार वाड़ा का ख़ूब ज़िक्र हुआ और दिखाया गया। ये वही हवेली है जहां बाजीराव अपनी दूसरी पत्नी मस्तानी को रखता है। ये हवेली 1730 में पुणे में मुथा नदी के तट पर पेशवा बाजीराव बल्लाल बालाजी की बहादु

bajirao mastani- India TV Hindi bajirao mastani

हाल ही में रिलीज़ और हिट हुई बाजीराव मस्तानी फ़िल्म में शनिवार वाड़ा का ख़ूब ज़िक्र हुआ और दिखाया गया। ये वही हवेली है जहां बाजीराव अपनी दूसरी पत्नी मस्तानी को रखता है। ये हवेली 1730 में पुणे में मुथा नदी के तट पर पेशवा बाजीराव बल्लाल बालाजी की बहादुरी के सम्मान में बनाई गई थी। यहां पेशवा ने 1818 तक राज किया। इसके बाद इस पर अंग्रेज़ों का कब्ज़ा हो गया।

ये भी पढ़े- छुट्टियों को बनाना है यादगार, तो मदिकेरी से अच्छी कोई जगह नहीं

पेशवा बाजीराव ने शनिवार के दिन 10 जनवरी, 1730 में ख़ुद इसकी आधारशिला रखी थी। इसालिए इसका नाम ''शनिवार वाड़ा'' पड़ा। मराठी में वाड़ा का मतलब होता है घर। दो साल में तैयार हुई इस हवेली को उस समय बनवाने में 16,110 रुपय ख़र्च हुए थे जो एक बहुत बड़ी रक़म मानी जाती थी।

बदक़िस्मती से शनिवार वाड़ा वहां रहने वालों के लिए हमेशा अभिशाप रहा। इसकी दीवारों पर ग़द्दारी, दुख और हत्याओं की गाथाएं लिखी हुई हैं। यहां रहने वालों को कभी सुख-चैन नसीब नहीं हुआ। आज भी ये पुणे की सबसे भयावह जगह मानी जाती है।

शनिवार वाड़ा के बनने के पहले ही साल पेशवा बाजीराव की असमय अचानक मृत्यु हो गई। इस हवेली ने देखा पेशवा की पहली पत्नी काशीबाई के साथ पेशवा की बेवफ़ाई, मस्तानी के साथ अधूरी प्रेम कहानी और पुत्र नानासाहब (बाजीराव-काशीबाई का पहला पुत्र) के हाथों धोखा।

एक समय था जब शनिवार वाड़ा अपने वास्तु की ख़ूबसूरती के लिए जाना जाता था लेकिन आज पूर्णिमा की रात यहां अजीब अजीब आवाज़ें सुनने को मिलती हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां बाजीराव के पोते नारायणराव का भूत मंडराता है। नारायणराव की उसी के रिश्तेदारों ने हत्या करवाई थी।

अगली स्लाइड में पढ़े पूरी स्टोरी

Latest Lifestyle News